संक्रमण का वाहक न बनें, घर में रहकर पूजा करें
कुशीनगर में धर्माचार्यो ने आमजन से अपील की कि खुद को संक्रमण से बचाने के लिए बरतें सावधानी बहुत आवश्यक होने पर ही घर से निकलें।
कुशीनगर : कोरोना संक्रमण भयावह स्थिति में पहुंचता जा रहा है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय गाइड लाइन का पालन करना है। डरें नहीं, सतर्कता के साथ घर में ही नवरात्र में पूजन अर्चन करें। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। मास्क लगाते हुए शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें। साथ ही टीका लगवाना भी सुनिश्चित करें।
यह बातें धर्माचार्यों ने कहीं। उनका कहना है कि विशेष परिस्थिति में घर में पूजन-अर्चन मान्य है। सबसे बड़ा धर्म मानव जाति को बचाना है। उन्होंने आमजन से अपील की कि घरों में रहें। पूजन करें, संशय होने पर अपने आचार्य से संपर्क कर सकते हैं।
आचार्य भोला पांडेय ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार की गाइड लाइन का पालन करना समाज के सभी वर्ग के लोगों का धर्म है। देवी पूजा के दौरान हर व्यक्ति मनौती मांगे कि मां इस महामारी से जल्द निजात दिलाएं। मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की बजाय घर पर खुद श्रद्धालु कर सकते हैं।
आचार्य मारकंडेय मणि त्रिपाठी ने कहा कि नवरात्र शुरू हो गया है। फलाहार अथवा अन्य सामग्री घर लाने पर उसे अच्छी तरह साफ करें फिर सेवन करें। बिना वजह घर से बाहर न निकलें। देवी मंदिर में जाने पर शारीरिक दूरी का जरूर पालन करें। घर में भी मास्क का प्रयोग करें।
पं. नितेश पांडेय ने कहा कि हिंदू धर्म शास्त्र में इस बात का उल्लेख है कि विशेष काल में पूजन को संक्षिप्त अथवा सीमित दायरे में किया जा सकता है। यह बाध्यता नहीं है कि मां के दर्शन व पूजन के लिए समाज को खतरे में डालें। इसलिए घर में ही पूजन करें।
पं. पंकज शास्त्री ने कहा कि सभी धर्म के लोग एकजुट रहकर, सबका सहयोग करें। घर में रहें, वैक्सीनेशन करावें। सरकार की गाइड लाइन का पालन जरूर करें। इस महामारी को समाप्त करने के लिए माता रानी से कामना करें।