बंदी की तिथि बढ़ी, अब 17 को खुलेंगी दुकानें
शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं खुलीं दुकानें पसरा रहा सन्नाटा सड़क पर निकले वाहनों की जांच करती रही पुलिस सुबह छह से 11 बजे तक खुल रहीं सब्जी व फल की दुकानें।
कुशीनगर : सोमवार की सुबह सात बजे तक खत्म होने वाली बंदी की तिथि शासन स्तर से बढ़ा दी गई है। अब 17 मई की सुबह सात बजे दुकानें खुलेंगी। डीएम एस राजलिगम ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 10 मई से बढ़ा कर 17 तक विस्तार दिया जा रहा है। कहा कि बंदी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की पूरी छूट रहेगी।
इस दौरान औद्योगिक गतिविधियां, ई-कामर्स से संबंधित कार्य यथावत चलते रहेंगे। टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से जारी रहेगा। ऐसे लोगों को रोका नहीं जाएगा। पुलिस इनकी यथा संभव मदद करेगी। विशेष परिस्थितियों के लिए ई-पास की व्यवस्था लागू है। कंटेनमेंट •ाोन में केवल डोर-टू-डोर डिलीवरी व्यवस्था के तहत ही आपूर्ति होगी। कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में परेशान न हो, इसे भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। दूसरी ओर बंदी के आठवें दिन रविवार को नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों में दवा की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानें बंद रहीं। नगर के सुभाष चौक, तिलक चौक, अंबे चौक, छावनी, रामकोला रोड समेत हर जगह पुलिस सतर्क रही। इसके कारण नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बंदी को लेकर डीएम एस राजलिगम, एसपी सचिद्र पटेल, एएसपी अयोध्या प्रसाद सिंह, एसडीएम कोमल प्रसाद, अरविद कुमार, देशदीपक सिंह, प्रमोद कुमार, एआर फारूकी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण रह कर कानून व्यवस्था का पालन करने की लोगों को हिदायत देते रहे। इस दौरान लोगों को मास्क पहनने व शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने पर जोर दिया गया। कोरोना को रोकने में होम्योपैथिक पद्धति भी असरदार
होम्योपैथिक चिकित्सक डा. सीएन यादव ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने में होम्योपैथिक दवाएं भी काफी कारगर व असरदार हैं। आयुष मंत्रालय के केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद के शोध में इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। आर्सेनिक अल्बम-30 दवा का सेवन कोरोना में काफी असरदार है। होम्योपैथी लक्षणों के आधार पर कार्य करने वाली प्रचलित, सुरक्षित और असरदार चिकित्सा पद्धति है। दवा के साथ-साथ कोरोना प्रोटोकाल का भी अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। पौष्टिक भोजन करना चाहिए, मनोबल बनाए रखने की आवश्यकता है। बेवजह घबराने की अवश्यकता नहीं है। इससे हमारे शरीर की इम्युनिटी कमजोर होती है।