कुशीनगर में जलस्तर में कमी के बावजूद नहीं मिल रही राहत
कुशीनगर में एपी बांध के स्लोप का 28 मीटर हिस्सा दो दिन में नदी में समा गया हालांकि यहां नदी खतरे के निशान से 1.20 मीटर नीचे बह रही है इसके बाद भी कटान से राहत नहीं मिल रही है।
कुशीनगर : नारायणी नदी के वाल्मीकि नगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज शनिवार को 1.47 लाख क्यूसेक रहा। पिपराघाट गेज पर जलस्तर में शुक्रवार की अपेक्षा 15 सेमी की कमी दर्ज की गई। नदी खतरे के निशान 76.20 मीटर से 1.20 मीटर नीचे 75 मीटर पर बह रही है। इसके बावजूद राहत नहीं है। दो दिनों में तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में स्थित एपी बांध के किमी 12.860 बाघाचौर के नोनिया पट्टी में कटान से स्पर का 28 मीटर स्लोप कट चुका है।
विभाग बोरे में मिट्टी डालकर व गैवियान के माध्यम से बचाव कार्य में जुटा है। बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला, किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। कचहरी टोला, नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने कहा कि युद्ध स्तर पर स्पर का बचाव किया जा रहा। बांध सुरक्षित है।
रेत में फंसी विधायक की नाव को एसडीआरएफ ने निकाला
नारायणी के उस पार बसे गांवों में विद्युत पोल लगाने के लिए शनिवार को विधायक जटाशंकर त्रिपाठी, एसडीएम अरविद कुमार व सीओ शिवाजी सिंह सर्वे करने गए थे। लौटते समय उनकी नाव नदी की रेत में फंस गई। एसडीआरएफ टीम ने नाव को निकालकर पनियहवा पुल के समीप पहुंचाया।
दियारा के शिवपुर, मरिचहवा, नरायनपुर, हरिहरपुर समेत महराजगंज जिले के सोहगीबरवा न्याय पंचायत के बसही, शिकारपुर, सोहगीबरवा आदि गांवों में एक वर्ष से विद्युत आपूर्ति ठप है। विधायक, एसडीएम, सीओ ने राजस्व टीम के साथ जंगल के किनारे अभिलेख के आधार पर यूपी की भूमि को खंगाला। वहां भूमि उपलब्ध नहीं होने पर एसडीआरएफ टीम के साथ पनियहवा पुल की तरफ बढ़ने लगे। उसी दौरान उनकी नाव रेत में फंस गई।