डिस्चार्ज घटने से अमवाखास बांध पर दबाव बढ़ा
कुशीनगर में नारायणी नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है पानी कम होने के साथ ही कटान बढ़ रही है जर्जर स्थानों पर नदी लगातार कर रही कटानबचाव कार्य की धीमी गति से होने के कारण ग्रामीण भयभीत ।
कुशीनगर : नारायणी के पानी डिस्चार्ज में लगातार हो रही कमी के चलते अमवाखास बांध के बरवापट्टी में किमी 800 से लेकर लक्ष्मीपुर में बने स्पर किमी 8.600 तक कटान बढ़ने से खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में बांध टूटा तो फिर चारों तरफ तबाही का आलम होगा। दो दर्जन से अधिक गांव व टोले चपेट में होंगे, तो पचास हजार से अधिक आबादी प्रभावित होगी।
धीमी गति से हो रहे बचाव कार्य से ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। नदी रिग बांध पर कटान शुरू कर दी है। एक सप्ताह से हो रही बारिश के चलते नारायणी में कभी पानी का डिस्चार्ज बढ़ रहा है तो कभी घट रहा है, जो कटान की दृष्टि से खतरनाक साबित हो सकता है। रविवार को पानी का डिस्चार्ज घटकर एक लाख 19 हजार क्यूसेक हो गया। इसके बाद नदी किमी 8.00 पर बने स्पर को अपने आगोश में लेने को आतुर हो गई है। लक्ष्मीपुर किमी 8.600 पर नदी और मेन बांध की दूरी लगभग 15 से 20 मीटर ही रह गई है। यहां के लिए नौ करोड़ 32 लाख की परियोजना का कार्य पूर्ण न होने के कारण स्थिति भयावह होती जा रही है। विभाग द्वारा कटान रोकने के लिए मिट्टी भरी बोरियां रखी जा रही हैं। अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने कहा कि स्पर को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा है। बांध को कोई खतरा नहीं है। फिलहाल जिले के तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं, किसी भी तरफ से कोई खतरा नहीं है। तटबंध की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय किया जा रहा है।