वैज्ञानिक विधि से करें सहफसली की खेती
कृषि विभाग के तत्वावधान में सोमवार को ब्लाक सभागार में किसान गोष्ठी हुयी जिसमें कृषि वैज्ञानिकों ने प्रगतिशील खेती के उपाय सुझाए। गन्ना किसान संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त ने कहा कि बसंत कालीन गन्ने की बोआई खिचड़ी बाद शुरू होगी।
कुशीनगर : कृषि विभाग के तत्वावधान में सोमवार को ब्लाक सभागार में किसान गोष्ठी हुयी, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों ने प्रगतिशील खेती के उपाय सुझाए। गन्ना किसान संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त ने कहा कि बसंत कालीन गन्ने की बोआई खिचड़ी बाद शुरू होगी। इसके साथ प्याज की खेती कर गन्ना जितना अलग से लाभ उठाया जा सकता है।
कहा कि गन्ने के साथ प्याज बोने से उपज बढ़ती है। रोग नहीं लगता है। बताया कि एक एकड़ भूमि में चार सौ क्विटल गन्ना और 80 क्विटल प्याज पैदा किया जा सकता है। महाराष्ट्र में किसान इसका लाभ उठा रहे हैं। सेवरहीं के गन्ना वैज्ञानिक बच्चा राव ने बताया कि कोसा 0238 गन्ना प्रजाति रोगग्रस्त हो गई है।
इसकी बोआई रोक देनी चाहिए। कृषि वैज्ञानिक जेपी त्रिपाठी ने भी आवश्यक सुझाव दिए। मुख्य अतिथि बीडीओ जोखन प्रसाद ने कहा कि गन्ने के साथ सहफसली खेती किसानों के लिए लाभदायक है। उन्होंने ब्लाक से संचालित होने वाली योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से लाभ उठाने की अपील की। अध्यक्षता पूर्व प्रमुख अलाउद्दीन अंसारी ने किया। गन्ना सचिव सतीश राय आदि उपस्थित रहे।