कोरोना ने छीनी खुशी, उम्मीद की लौ जलाएगा प्रशासन
कुशीनगर में स्वजन के संक्रमित होने से गुम हो गई है बचों के चेहरे की खुशी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर दिया जाएगा पीड़ित बचों को पूरा लाभ।
कुशीनगर: कोरोना के कहर के चलते अनेक परिवारों की खुशियां छिन गई हैं। कुछ के स्वजन साथ छोड़कर चले गए हैं तो कुछ अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में इन परिवारों के बच्चों के चेहरे की खुशी गायब हो गई है। अब इनके बीच खुशी के उम्मीद की लौ जलाने की पहल सरकार द्वारा की जाएगी।
ऐसे बच्चों और परिवारों की पहचान कर उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। जिनके माता-पिता अस्पताल में भर्ती हैं या होम आइसोलेशन में हैं और बच्चों की देखभाल करने वाला परिवार में कोई नहीं है, उनके संरक्षण पर भी पूरा ध्यान देने की योजना है । महिला कल्याण विभाग इन्हें उचित तरीके से पुनर्वासन एवं महिला कल्याण की लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित करने की तैयारी में है। जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय ने बताया कि इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
लोगों को कोरोना से बचाने का संकल्प
देवपोखर क्षेत्र के गांव लवकुश निवासी संजय सिंह ने अपने पिता के जन्मदिन पर गांव के लोगों को कोरोना से बचाव का जतन कर एक अनूठी पहल की है। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों के तापमान की जांच कराई तथा मास्क व सैनैटाइजर आदि वितरित किया।
मुरादाबाद में अभियंता के पद पर कार्यरत संजय सिंह ने पिता के 81वें जन्मदिन पर पूरे गांव को कोरोना संक्रमण से दूर रखने का संकल्प लिया। छह मई को उनके पिता अवकाश प्राप्त प्रवक्ता शारदा सिंह का 81वां जन्मदिन था। जन्मदिन पर उन्होंने संक्रमण से गांव के 1500 लोगों को बचाने के लिए शनिवार को गांव के प्रावि में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कैंप का आयोजन किया। लखनऊ के तीन चिकित्सकों के पैनल ने लोगों से आनलाइन बात कर उनकी परेशानी जानी और उचित सुझाव दिए। विद्यालय के शिक्षक सुनील त्रिपाठी ने कैंप में आए लोगों का आक्सीजन लेबल, तापमान, ब्लड प्रेशर की जांच की। दवा सेनेटाइजर, मास्क वितरित किया। फार्मासिस्ट शंकर प्रजापति, आफताब आलम, अनिल प्रजपति, हरेराम सिंह, शम्भू सिंह, वेदव्यास पांडेय, अमन, शिवम, दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।