दो वर्ष पहले भूमिपूजन, निर्माण अब तक नहीं

इस अस्पताल की जगह पांच वर्ष पहले मल्टी स्पेशियलिटी आयुष हास्पिटल बनाने के लिए भूमि पूजन हुआ था लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो सका। विभाग के अधिकारी वर्तमान भवन के ध्वस्तीकरण के लिए शासन से धनराशि की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:42 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:42 PM (IST)
दो वर्ष पहले भूमिपूजन, निर्माण अब तक नहीं
दो वर्ष पहले भूमिपूजन, निर्माण अब तक नहीं

कुशीनगर: नगर में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय काफी जर्जर हो चुका है, जो कभी भी ध्वस्त हो सकता है। पूरा परिसर झाड़ी से पटा है। इस अस्पताल की जगह पांच वर्ष पहले मल्टी स्पेशियलिटी आयुष हास्पिटल बनाने के लिए भूमि पूजन हुआ था लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो सका। विभाग के अधिकारी वर्तमान भवन के ध्वस्तीकरण के लिए शासन से धनराशि की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।

शासन ने 50 बेड के मल्टी स्पेशियलिटी आयुष हास्पिटल बनाने की घोषणा की थी। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए लगभग दो वर्ष पूर्व समारोह पूर्वक भूमि पूजन भी हुआ है। उस समय निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की बात कही गई लेकिन निर्माण तो दूर इसकी शुरुआत भी नहीं हो सकी है।

शासन के योजना के मुताबिक इसमें आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी चिकित्सा के साथ योग चिकित्सा की भी सुविधा उपलब्ध होनी है। अब तक यहां संचालित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की स्थापना बुद्ध की 2500 वीं जयंती के अवसर पर 1956 में हुई थी। उपेक्षा के कारण चिकित्सालय का भवन अब जर्जर हो गया है। इसे नेपाली उपासिका सुजाता ने निर्माण कराकर चिकित्सालय के लिए दान में दिया था।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी डा. सुरेंद्र राय ने बताया कि नए भवन के निर्माण के लिए वर्तमान भवन का ढहाना होगा। अस्पताल भवन के ध्वस्तीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग ने सात लाख रुपये का खर्च बताया है। इस खर्च की स्वीकृति के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

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