युवाओं से जुड़ना आकाशवाणी की सबसे बड़ी चुनौती: महानिदेशक
कुशीनगर के दौरे पर आए आकाशवाणी के निदेशक ने पत्रकारों को कहा कि वर्ष 1990 तक आकाशवाणी का समाचारों के मामले में एकाधिकार था उसके बाद आए विभिन्न चैनलों व इंटरनेट मीडिया से कड़ी चुनौती मिली आकाशवाणी अब एफएम रेडियो का जाल बिछाएगा।
कुशीनगर: आकाशवाणी (आल इंडिया रेडियो) 90 वर्ष पुराना है। 1990 तक इसका समाचारों के मामले में एकाधिकार था। इसके बाद समाचारों के लिए लोगों को अगले दिन के समाचार पत्रों की प्रतीक्षा रहती थी। परिस्थितियों के बदलने के साथ-साथ तकनीक भी बदली। अनेक चैनल जो आज आकाशवाणी के सामने बड़ी चुनौती हैं। इसमें अपने को स्थापित करने के लिए हम अधिक से अधिक एफएम रेडियो स्टेशन लगा रहे हैं। शुक्रवार को गोरखपुर से प्रदेश के तीन एफएम स्टेशनों का उद्घाटन हुआ है। इसी प्रकार हमारी योजना पूरे देश में एफएम रेडियो स्टेशनों का जाल बिछाना है। भविष्य में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में भी एफएम स्टेशन हो सकता है।
यह बातें आकाशवाणी के महानिदेशक एन वेणुधर रेड्डी ने कही। वह शनिवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वह कुशीनगर भ्रमण पर आए थे। बताया कि जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है, वह हमारे न्यूज आन एयर एप से आकाशवाणी के 240 स्टेशनों का कार्यक्रम सुन सकते हैं। कहा कि तुरंत समाचार के लिए ट्विटर हैंडल के जरिये हम लोगों तक तत्काल समाचार पहुंचाते हैं। वर्तमान में इसे 25 लाख लोग फालो करते हैं। कहा कि आकाशवाणी सिर्फ रेडियो के माध्यम से ही नहीं बल्कि इंटरनेट मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक न्यूज पहुंचा रहा है। अब आकाशवाणी आकाशवाणी नहीं रहा आकाशवाणी प्लस हो गया है। आकाशवाणी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती युवा पीढ़ी से जुड़ना है। युवा पीढ़ी रेडियो का पूर्व का गौरव को नहीं जानती है। आकाशवाणी ने बीते 28 नवंबर से एक नया कार्यक्रम हैशटैग एआईआर नेक्स्ट (प्तन्ढ्ढक्त्र हृङ्गञ्ज) शुरू किया है। इसमें लगभग एक हजार कालेजों से अगले 52 सप्ताह में 20 हजार युवा भाग लेंगे। इसमें भाग लेने वाले युवा यह बताएंगे कि आजादी के 75 वर्ष के अमृत महोत्सव में भारत की जो प्रगति हुई है उसमें उनकी क्या राय है। यह युवाओं के लिए अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।