मुसहर बस्ती तक नहीं पहुंची विकास की किरण

गांव के सुरेश दिव्यांग हैं आज तक पेंशन नहीं मिल पाई। कहते हैं कि ग्राम प्रधान व अधिकारियों से कई बार फरियाद की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वंशी कहते हैं कि मुसहर बस्ती के बुजुर्गों को कोई पूछने वाला नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:53 PM (IST)
मुसहर बस्ती तक नहीं पहुंची विकास की किरण
मुसहर बस्ती तक नहीं पहुंची विकास की किरण

कुशीनगर: प्रदेश सरकार मुसहरों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन विशुनपुरा ब्लाक के पटेरा बुजुर्ग मुसहर बस्ती तक विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। करीब आठ हजार आबादी वाले इस ग्राम पंचायत की मुसहर बस्ती में 30-35 परिवार मुसहरों का है। यहां सड़क है न ही नालियां। सड़क, पेयजल, आवास, पेंशन, आयुष्मान कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पाया है। जलनिकासी के अभाव में गांव की सड़क क्षतिग्रस्त है, उस पर कीचड़ फैला रहता है। गंदगी से पटी नालियां सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही हैं।

गांव के सुरेश दिव्यांग हैं, आज तक पेंशन नहीं मिल पाई। कहते हैं कि ग्राम प्रधान व अधिकारियों से कई बार फरियाद की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वंशी कहते हैं कि मुसहर बस्ती के बुजुर्गों को कोई पूछने वाला नहीं है। कुंती, चंपा, पतिया, सूरसती आदि का कहना है कि हमारे टोले के लोगों को आयुष्मान कार्ड से वंचित रखा गया है। मिकी कहती हैं कि पति-पत्नी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं, आवास का लाभ नहीं मिला है। इंडिया मार्क टू हैंडपंप दूषित जल दे रहा है, मजबूरी में देसी हैंडपंप का पानी पीते हैं। बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है।

गांव में नहीं होता टीकाकरण

मुसहर बस्ती के लोगों का कहना है कि एएनएम कभी गांव में आकर टीका नहीं लगाती हैं, न ही मच्छररोधी दवा का छिड़काव होता है। टीका लगवाने के लिए हम लोगों को पिपरा बाजार या जिला अस्पताल में जाना पड़ता है।

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गांव में टीम भेजकर जांच कराई जाएगी, पात्रों को हर हाल में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी इंतजाम कराया जाएगा।

-राजीव कुमार, बीडीओ

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