कुशीनगर में बांध काटने वाले सौ अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा

कुशीनगर में बाढ़ खंड ने बांध काटने वालों पर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण सहित अन्य धारा में दर्ज कराया मुकदमा प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ग्रामीणों में है भय का माहौल।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:36 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:36 AM (IST)
कुशीनगर में बांध काटने वाले सौ अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा
कुशीनगर में बांध काटने वाले सौ अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा

कुशीनगर : जल भराव की समस्या से निजात पाने के लिए बांध काटना माघी भगवानपुर, रंजीता जंगल गांव के ग्रामीणों पर भारी पड़ गया। एसडीओ बाढ़ खंड राजेंद्र पासवान की तहरीर पर हनुमानगंज पुलिस ने रविवार को अज्ञात सौ ग्रामीणों के विरुद्ध सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण तथा 51 बी आपदा प्रबंधन अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद गांव के लोगों में भय का माहौल है।

गांव रंजीता जंगल, माघी भगवानपुर के घरों में बारिश का पानी घुसने से आक्रोशित महिलाओं व पुरुषों ने जल निकासी के लिए शनिवार को नौतार बंधे को किमी 1.75 किमी पर काट दिया था। इसकी जानकारी मिलते ही बाढ़ खंड के अफसर व कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। बंधा काटे जाने की खबर मिलते ही विधायक जटाशंकर त्रिपाठी व एसडीएम खड्डा अरविद कुमार तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इधर विभाग तत्काल बंधे की मरम्मत में जुट गया। देर रात तक बंधे की मरम्मत का कार्य चलता रहा। अगले दिन सहायक अभियंता बाढ़ खंड प्रथम राजेंद्र पासवान ने थाने में तहरीर दी। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

प्रभारी निरीक्षक पंकज गुप्ता ने बताया कि सहायक अभियंता बाढ़ खंड की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है। आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी।

जलभराव से परेशान ग्रामीणों ने काटा था नौतार बंधा

खड्डा ब्लाक के गैनही-तुर्कहां नाला के समीप नौतार तटबंध के किमी 1.75 पर ग्रामीणों ने शनिवार को यूं ही फावड़ा नहीं चलाया था। हर साल बाढ़ की त्रासदी, फसलों की बर्बादी झेलते और कोरा आश्वासन सुनते-सुनते 15 गांवों के लोग थक चुके हैं।

पड़ोसी देश नेपाल की सीमा से कलनहीं जंगल होते हुए बाढ़ का पानी तुर्कहां नाला के माध्यम से रंजीता जंगल होते हुए नौतार बांध पर लगाए गए ह्यूम पाइप से निकलता है। चूंकी जरूरत के हिसाब से ह्यूम पाइप से पानी नहीं निकल पाता है, इसलिए नौतार जंगल, हनुमानगंज, भगवानपुर, लक्ष्मीपुर पड़रहवा, भैंसहा, रंजीता जंगल, बसडिला, पकड़ी बृजलाल, सिसवा गोपाल, मदनपुर सुकरौली जंगल, सिसवा दधीच समेत 15 गांवों में चार माह (15 जून से 15 अक्टूबर) तक जलभराव रहता है। 5000 हेक्टेयर खेतों में हर साल धान, केला व गन्ने की फसल बर्बाद होने के साथ ही 20 हजार की आबादी को दुश्वारियां झेलनी पड़ती है। किसानों को भारी क्षति होती है। प्रभावित गांवों के लोग नौतार तटबंध में लगाए गए ह्यूम पाइप के बगल में रेगुलेटर युक्त साइफन की मांग कई वर्षों से करते आ रहे हैं। इसके बावजूद न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। जिम्मेदारों की टालने वाली नीति की वजह से ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और नौतार तटबंध पर फावड़ा चला दिया। इसके पहले भी ग्रामीणों ने इस तटबंध को काटा था, लेकिन जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया।

---

भगवानपुर के पूर्व प्रधान नागेंद्र चौधरी ने कहा कि हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है, फसल बर्बाद हो जाती हैं। बाढ़ के समय अधिकारी व जनप्रतिनिधि आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। अगर जलभराव का स्थाई समाधान हो जाता तो फसलों की बर्बादी रुक जाती। नौतार जंगल गांव के अखिलेश, संवरू व महेंद्र साहनी ने कहा कि बांध पर रेगुलेटर युक्त साइफन जरूरी है। इससे पानी का बहाव होगा तो 15 गांवों में जलभराव नहीं होगा।

---

-आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए सिचाई विभाग ने नौतार तटबंध का निर्माण कराया है। ग्रामीणों की मांग के अनुरूप बांध पर रेगुलेटर युक्त साइफन बनाने के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।

-अरविद कुमार, एसडीएम

chat bot
आपका साथी