काम आए संबंध, मुश्किल दौर से बाहर निकला कारोबार

सामान की गुणवत्ता व बेहतर सेवा ही कारोबार को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। ग्राहक जब संतुष्ट रहेंगे तो इसका लाभ विषम परिस्थितियों में भी मिलता है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण काल में कभी ग्राहकों को दिक्कत नहीं आने दी गई। उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी तरह के सुझावों पर अमल किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:30 AM (IST)
काम आए संबंध, मुश्किल दौर से बाहर निकला कारोबार
काम आए संबंध, मुश्किल दौर से बाहर निकला कारोबार

कुशीनगर, जेएनएन : सामान की गुणवत्ता व बेहतर सेवा ही कारोबार को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। ग्राहक जब संतुष्ट रहेंगे तो इसका लाभ विषम परिस्थितियों में भी मिलता है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण काल में कभी ग्राहकों को दिक्कत नहीं आने दी गई। उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी तरह के सुझावों पर अमल किया गया।

इलेक्ट्रानिक सामान के विक्रेता राजेश तुलस्यान कहते हैं कि ग्राहकों का विश्वास, उनकी ईमानदारी और मानवता ही वे पहलू थे जिनकी मदद से उनका कारोबार मुश्किल दौर से बाहर निकला। उन्होंने बताया कि 2000 में पिता द्वारिका तुलस्यान ने इलेक्ट्रानिक पैलेस के नाम से कारोबार की शुरुआत की थी। ग्राहकों का भरोसा मिला तो छावनी स्थित दूसरी शाखा 2016 में खुली। ग्राहकों के हित को देखते हुए कई स्कीम लागू की गई, जिसका फायदा यह मिला कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। लाकडाउन ने कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया, लेकिन ग्राहकों से संवाद कायम रखने के लिए उनसे फोन पर संपर्क साधा गया। उनकी समस्याएं समझी गईं और निदान किया गया। ग्राहकों संग रिश्ता मजबूत हुए। अब दोनों दुकानों पर न केवल पुराने ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी है, बल्कि उनकी पहचान के लोग भी आने लगे हैं। संकट की इस घड़ी में कर्मचारियों ने पूरा साथ दिया। बस उन्हें यह भरोसा दिलाया गया था कि हम मुश्किल घड़ी में उनके साथ हैं। लाकडाउन व भीषण गर्मी में ग्राहकों ने होम डिलीवरी की मांग की, जिस पर हम खरा उतरे। इससे ग्राहक संतुष्ट हुए और दुकान का खर्च निकलना शुरू हुआ। सरकार ने भी कारोबारियों का पूरा साथ दिया। कारोबारियों को शर्तों के साथ छूट प्रदान की गई। इनमें हाट स्पाट से बाहर रहने वाले दुकानदारों को दुकान खोलने व सामान घर तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान किए जाने की बात प्रमुख रही। लाकडाउन में हमने ग्राहकों को आनलाइन नेटवर्किंग से जोड़ उनको सामान पंसद कराए और घरों तक डिलीवरी भी कराई। कोरोना संकट के दौरान बाजार पर पड़े असर ने कारोबार को प्रभावित किया है। दो से तीन माह तक दुकानें बंद रहने के कारण कई दिक्कतें एक साथ आईं। दुकान खुली भी तो ग्राहक नहीं थे। काफी दिक्कत थी, संक्रमण का खतरा भी था। ऐसे में वाट्सएप पर आर्डर लिए गए और ग्राहक को विभिन्न माडल दिखाए भी गए। लोग आनलाइन आर्डर और पेमेंट दोनों करने लगे। डिलीवरी की मुश्किलों का निदान भी ग्राहकों और सामुदायिक सहयोग से निकाला गया। इस दौरान सामाजिक दायित्वों का भी ख्याल रखा गया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में डिजिटल निर्भरता बढ़ी है। मौजूदा समय में विज्ञापन के जरिये ग्राहकों को बुलाना उतना आसान नहीं है। ऐसे में वाट्सएप व फोन के जरिये ग्राहक जुटाए गए। कर्मचारियों व ग्राहकों को लगातार अपडेट रखा गया। उन्हें प्रशिक्षित किया गया और जानकारियां दी गईं। वाट्सएप पर ग्राहकों को स्कीम व नई पेशकश की गई। तकनीक के माध्यम से घर बैठे ग्राहकों को कई वेराइटी दिखाई गई। ग्राहकों की मांग पर आनलाइन बुकिग की सुविधा देते हुए मानक व गुणवत्ता के साथ इलेक्ट्रानिक सामान उपलब्ध कराए गए। कई बार यह क्षेत्र लाकडाउन हुआ, उसके बाद भी लोगों को निराश नहीं होने दिया गया। पूरा प्रयास होता है कि कोई ग्राहक असंतुष्ट न रहे। कर्मचारियों को भी यही सिखाया जाता है कि ग्राहक से मधुर बोलें। इसके अलावा कई पुराने ग्राहकों को एसी, कूलर, पंखे की डिलीवरी कराई गई। ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो इसका विशेष ध्यान दिया गया। इलेक्ट्रानिक सामान खराब होने पर सर्विस की सुविधाएं लोगों को मुहैया कराया गया, ताकि किसी को कोरोना संक्रमण काल में कोई दिक्कत न रहे। अब सरकार की गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए दुकानें खुल रही हैं। प्रतिदिन सुबह व शाम में दुकान सैनिटाइज कराया जाता है। कर्मचारी मास्क लगाए रहते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर हाथ सैनिटाइज करने के साथ मास्क लगाने के लिए ग्राहकों को जागरूक करते हैं।

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