पशु तस्करी के लिए मुफीद स्थल बने सीमावर्ती इलाके

तरयासुजान थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में एनएच व संर्पक मार्गों के जरिये पशु तस्करी धड़ल्ले से जारी है। इस थानाक्षेत्र में पशु तस्करी का खेल नया नहीं है। एनएच के अलावा थाना क्षेत्र के डिबनी बाजार बहादुरपुर तिनफेड़ियां अहिरौलीदान सिसवा नाहर जो बिहार प्रांत से जुड़े हैं इन रास्तों से तस्करी धड़ल्ले से चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 11:56 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 06:07 AM (IST)
पशु तस्करी के लिए मुफीद स्थल बने सीमावर्ती इलाके
पशु तस्करी के लिए मुफीद स्थल बने सीमावर्ती इलाके

कुशीनगर : तरयासुजान थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में एनएच व संर्पक मार्गों के जरिये पशु तस्करी धड़ल्ले से जारी है। इस थानाक्षेत्र में पशु तस्करी का खेल नया नहीं है। एनएच के अलावा थाना क्षेत्र के डिबनी बाजार, बहादुरपुर, तिनफेड़ियां, अहिरौलीदान, सिसवा नाहर जो बिहार प्रांत से जुड़े हैं इन रास्तों से तस्करी धड़ल्ले से चल रही है।

पिकअप लदे पशु अक्सर दो बजे दिन और पांच बजे के बीच खुलेआम सलेमगढ़, मुकुंदपुर वाया तरया लच्छीराम गांव होते बिहार को निकलते है। इसी तरह रात मे तीन बजे भोर से सलेमगढ़ बाजार होते हुए बहादुरपुर गांव से बेरोकटोक जाते है। इसी चौकी के सरेया गंडक नहर मार्ग और टड़वां नैनुपहरु मार्ग से बिहार की ओर पशुओं की गाड़ी निकल जाती है। पुलिस चौकी डिबनी बाजार की मुख्य सड़क एनएच 28 लिक रोड बनवरियां परसौनी होते डिबनी बंजरवा गांव होकर पशुओं से भरे चार पहिया वाहन बिहार को निकलते हैं। पुलिस चौकी तिनफेड़ियां के हबीबपुर गांव, जमसड़िया होते हुए पशु लदे पिकअप वाहन निकलते हैं। अहिरौलीदान पुलिस चौकी के तरयासुजान सिसवा नाहर मार्ग से भी सीधे बिहार को जोड़ने वाली सड़क से पशु लदे वाहन निकलते है।

सीओ नीतेश प्रताप सिंह ने कहा कि नजर रखी जा रही है, पशु तस्करी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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