बच्चों तक नहीं पहुंचीं शासन से आई किताबें

कोरोना संकट के चलते स्कूल कॉलेज 31 अगस्त तक बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसे लेकर शासन द्वारा जुलाई महीने में ही परिषदीय स्कूल के बच्चों के लिए अधिकांश किताबें मुहैया करा दी गईं पर अभी तक बच्चों में किताबें न पहुंचने से पढ़ाई प्रभावित होना तय है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:12 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 06:08 AM (IST)
बच्चों तक नहीं पहुंचीं शासन से आई किताबें
बच्चों तक नहीं पहुंचीं शासन से आई किताबें

कुशीनगर: परिषदीय स्कूलों में नामांकित बच्चों को निश्शुल्क किताब मुहैया कराने की व्यवस्था है। चालू शैक्षिक सत्र में हुए नामांकन के आधार पर शासन द्वारा जिले को किताबें मुहैया करा दी गईं, लेकिन बच्चों तक यह किताबें नहीं पहुंच सकीं। बच्चों तक किताब पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है, जबकि विभाग इसके लिए अभिभावकों को जिम्मेदार बता रहा है। विभाग का कहना है कि स्कूल पर किताब उपलब्ध होने के बाद भी अभिभावक रुचि नहीं ले रहे हैं।

कोरोना संकट के चलते स्कूल, कॉलेज 31 अगस्त तक बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसे लेकर शासन द्वारा जुलाई महीने में ही परिषदीय स्कूल के बच्चों के लिए अधिकांश किताबें मुहैया करा दी गईं, पर अभी तक बच्चों में किताबें न पहुंचने से पढ़ाई प्रभावित होना तय है। जिले में कक्षा एक से आठ तक कुल दो लाख 83 हजार छात्र-छात्राओं को किताब देने का लक्ष्य है। इसमें कक्षा एक से पांच तक के दो लाख 30 हजार तथा कक्षा छह से आठ तक के 53 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इधर स्थिति यह है कि शहर क्षेत्र के स्कूलों में किताबें उपलब्ध हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में किताबें पहुंची ही नहीं हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बुनियादी शिक्षा को लेकर जिम्मेदार कहां तक जागरूक हैं।

बीएसए विमलेश कुमार ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर किताब वितरण का कार्य चल रहा है। जल्द ही बच्चों के हाथों तक किताबें मुहैया करा दी जाएंगी।

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