उम्र के इस दहलीज पर भी अपने व्यवहार को लेकर हमेशा चर्चा में रहा हाजी
मस्जिद विस्फोट कांड के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन की उम्र लगभग 77 साल की है। शुरू से ही वह अपने तल्ख व्यवहार के लिए जाना जाता रहा। समय के साथ उसके विचार और व्यवहार दोनों ही कट्टर होते चले गए। यही कारण रहा कि गांव में उसकी छवि दबंग की बन गई और लोग उससे दूरी बनाने लगे।
कुशीनगर : मस्जिद विस्फोट कांड के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन की उम्र लगभग 77 साल की है। शुरू से ही वह अपने तल्ख व्यवहार के लिए जाना जाता रहा। समय के साथ उसके विचार और व्यवहार दोनों ही कट्टर होते चले गए। यही कारण रहा कि गांव में उसकी छवि दबंग की बन गई और लोग उससे दूरी बनाने लगे। पीडब्ल्यूडी में लिपिक पद पर तैनात रहा हाजी कुतुबुद्दीन लगभग डेढ़ दशक पूर्व रिटायर हो गया। गांव के लोग उसकी उम्र वर्तमान में लगभग 77 साल बता रहे। लेकिन इस उम्र में भी उसके व्यवहार में तनिक नरमी नहीं आई। कहा जाता है कि व्यक्ति की उम्र ज्यों-ज्यों बढ़ती जाती है उसका तजुर्बा उसे और भी गंभीर और मजबूत बना देता है, लेकिन हाजी इन सब से अलग ही निकला। उसके तल्ख व्यवहार की चर्चा पूरे गांव में है। गांव आने पर वह दूसरे समुदाय के लोगों से कुशलक्षेम तक पूछना मुनासिब नहीं समझता। उसके कट्टर विचारों के चलते तब गांव में विवाद की स्थिति जरूर बन जाती, जब दूसरे समुदाय के लोग कोई धाíमक आयोजन करते। इसके चलते हाजी के खिलाफ दर्जनों बार से अधिक शिकायत थाने पहुंची। वर्ष 1988 में तो उसके खिलाफ धाíमक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा तक दर्ज हुआ। इस घटना के बाद उसका व्यवहार और भी तल्ख होता गया। जिसके चलते उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए। अनेक बार पुलिस-प्रशासन को गांव में कैंप तक करना पड़ा। बीते सितंबर में भी उसके चलते गांव में असामान्य स्थिति खड़ी हो गई थी। गांव में वह मदरसे का निर्माण करा रहा। आरोप है कि मदरसे के आगे सार्वजनिक तालाब है, जिसके कुछ हिस्से को मिट्टी से पाट कर उसने कब्जा कर लिया। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों की सूझ-बूझ से यह मामला टला।