बुद्ध की धरा पर आज से बहेगी रामकथा की अमृत धारा
शनिवार को प्रथम दिन दोपहर बाद चार बजे से शाम सात बजे तक कथा होगी। इसके पूर्व उनके कुशीनगर भ्रमण कर बुद्ध दर्शन करने की बात कही जा रही। अगले दिन रविवार से 17000 स्क्वायर फीट के बने पंडाल में जुटे श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक कथा सुनाकर बापू उनके मन को राम रस से अभिसिचित करेंगे।
कुशीनगर: पूरी दुनिया में शांति और अहिसा का संदेश देने वाली भगवान बुद्ध की धरा पर आज यानी शनिवार से राम कथा की अमृत धारा बहेगी। पहली बार बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर पहुंच रहे प्रख्यात कथा वाचक संत मोरारी बापू 23 से 31 जनवरी तक कथा का रसपान कराएंगे।
शनिवार को प्रथम दिन दोपहर बाद चार बजे से शाम सात बजे तक कथा होगी। इसके पूर्व उनके कुशीनगर भ्रमण कर बुद्ध दर्शन करने की बात कही जा रही। अगले दिन रविवार से 17000 स्क्वायर फीट के बने पंडाल में जुटे श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक कथा सुनाकर बापू उनके मन को राम रस से अभिसिचित करेंगे। पंडाल में एक साथ 500 लोगों के बैठने का इंतजाम है तो कोरोना को देखते हुए फिजिकल डिस्टेंसिग समेत अन्य उपाय भी किए गए हैं। मसलन बिना मास्क लगाए अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा, हालांकि मास्क न लेकर आने वालों को यहां मास्क देने की भी व्यवस्था रहेगी। पंडाल में बैठने की सीमित संख्या को देखते हुए बाहर एलईडी से कथा दिखाई जाएगी, ताकि बाहर बैठकर भी लोग कथा सुन सकें। इसके साथ ही यू-ट्यूब चैनल पर संगीतनी दुनिया के माध्यम से अपने मोबाइल व टीवी पर भी देख सकेंगे। कथा के दौरान कोई खलल न पड़े इसलिए मीडिया गैलरी को बाएं अलग से बनाया गया है। रामनामी टोले के बाहर से आने वाले डेढ़ सौ लोगों के बैठने का इंताजाम भी अलग से है। कथा सुनने के लिए एक घंटे पूर्व पहुंचना होगा, तभी प्रवेश मिल सकेगा। कथा से पहले ही राममय हुई बुद्ध नगरी
भगवान बुद्ध की नगरी अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली पूरी तरह से राममय हो गई है। पूरे देश से कथा सुनने के लिए श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। जगह-जगह रामनामी बैनर व तोरण द्वार लगे हैं। कथा सुनने पहुंचे श्रद्धालुओं का उत्साह व श्रद्धाभाव देखते ही बन रहा है। यहां पहुंचे उड़ीसा के 80 वर्षीय हेमराज ने बताया कि 20 साल से मोरारी बापू का कथा सुनता आ रहा हूं। कथा से मन को असीम शांति व परम सुख मिलता है। मध्य प्रदेश से आए राजकुमार भट्ट ने बताया कि पांच वर्ष से कथा सुनता आ रहा हूं, मोरारी बापू के मुंह से कथा नहीं अमृत बरसता है। चंदौली के राजकुमार पांडेय व लखनऊ की मधु शुक्ला ने बताया कि हम कथा सुनने नहीं आए, खुद को धन्य करने आए हैं।