कुशीनगर में दूसरे दिन भी नहीं चले एंबुलेंस, मरीज बेहाल
कुशीनगर में चालकों की हड़ताल की वजह से 24 घंटे से सेवा ठप आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की परेशानी बढ़ी जिला प्रशासन ने नहीं की पहल बिगड़ रही स्थिति।
कुशीनगर : एंबुलेंस चालकों की सोमवार से शुरू हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। इस वजह से एंबुलेंसों के पहिए थमे रहे, मरीजों व उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों को हुई, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। एक्सीडेंटल व गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को स्वजन जिला अस्पताल व गोरखपुर मेडिकल कालेज ले गए तो दूसरी ओर अस्पताल जाने में असमर्थ मरीज दवा की दुकानों से तकलीफ बता दवा खरीदते दिखे।
कलेक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष बुद्धा पार्क पर एंबुलेंस चालक अपने-अपने वाहनों को खड़ा कर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रणबीर यादव ने कहा कि निजी कंपनी द्वारा कर्मचारियों की मनमानी तरीके से छंटनी की जा रही है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी चालकों व सहायकों को सरकार स्थायी करते हुए बकाया मानदेय अविलंब दिलाए। उपाध्यक्ष रविद्र तिवारी, सुरेंद्र यादव, कृष्णपाल, दिलीप, विपुल आदि चालक उपस्थित रहे।
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मरीजों के तीमारदारों ने बताई परेशानी
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल की वजह से मरीज व उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल आए रामकोला के नरेश कुमार ने बताया कि सुबह आठ बजे पड़ोसी की तबीयत खराब होने पर फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंचा, जिसकी वजह से उन्हें बाइक से लाना पड़ा। तमकुहीराज के सत्येंद्र कुमार ने बताया कि चाची की तबीयत खराब थी, उन्हें तमकुहीराज से जिला अस्पताल ले जाने के लिए किराए पर वाहन लेना पड़ा। एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से जिला अस्पताल, सीएचसी कसया, तमकुहीराज, हाटा, सेवरही, मथौली, सुकरौली, खड्डा, रामकोला, कप्तानगंज आदि स्थानों पर इमरजेंसी अथवा एक्सीडेंटल मरीजों को लेकर लोग परेशान दिखे।