करुणा और मानवता का संदेश देते हैं सभी मत :नीलाक्षी

कुशीनगर में आयोजित बौद्ध सम्मेलन में विश्व शांति में बुद्धिज्म व भारत का योगदान विषय पर पैनल डिस्कशन में वक्ताओं ने कहा कि बुद्ध के संदेश के पालन से ही मानव जीवन का उत्थान संभव है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 12:19 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 12:19 AM (IST)
करुणा और मानवता का संदेश देते हैं सभी मत :नीलाक्षी
करुणा और मानवता का संदेश देते हैं सभी मत :नीलाक्षी

कुशीनगर: उप्र पर्यटन, संस्कृति विभाग व अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय बौद्ध सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को विश्व शांति में बुद्धिज्म व भारत का योगदान, विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ। सभी इस बात पर मतैक्य दिखे कि विश्व शांति में बुद्ध और भारत दोनों का अहम योगदान है। बुद्ध के संदेश को भारत जीता है और दुनिया को इसे आत्मसात करने की सीख देता है। अहिसा का पालन करने के साथ ही भारत करुण और मैत्री का बात करता है।

पैनल डिस्कशन में बहाई मत, नई दिल्ली की सुश्री नीलाक्षी राजखोवा ने कहा कि पूरी पृथ्वी ही एक देश है और मानवता नागरिक। बहाई मत के अनुसार भगवान बुद्ध ही नहीं बल्कि सभी अवतार एक ही हैं। सभी मत करुणा और मानवता का संदेश देने वाले हैं।

राष्ट्रीय सिख संगत लखनऊ के सरदार मंजीत सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेश का पालन करने से मानव जीवन का विकास व उत्थान संभव है। आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ की कांति कुमार, डा. हरिप्रसाद दीक्षित, प्रो राजेश चंद्रा ने भी अपना मत रखा और बुद्ध की प्रासंगिकता को सही बताया। अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के डा. हरिशंकर शुक्ल ने कहा कि बुद्ध का संदेश पूरा जीवन दर्शन ही है। संचालन गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिदी विभाग के प्रोफेसर डा. दीपक त्यागी ने किया। निदेशक डा. राकेश सिंह ने अतिथियों को सम्मानित करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पर बौद्ध भिक्षु डा. गौरव तिवारी, संजीव कुमार उपाध्याय, अमित कुमार द्विवेदी, धनंजय राय, अरुणेश कुमार मिश्र, अमरेंद्र त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। पैनल डिस्कशन के बाद आचार्य दरयुशेह ने विपश्यना का अभ्यास कराया। शाम को सांस्कृतिक संध्या में वी द पीपुल ग्रुप मुंबई की गायिका सुश्री सीमा ताई पाटिल द्वारा सांगीतिक प्रस्तुति की गई। लोकगायक राकेश उपाध्याय ने बौद्ध कीर्तन प्रस्तुत किया।

भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी प्रासंगिक : धम्मानन्द

महापरिनिर्वाण मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय बौद्ध सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को वैश्विक शांति और सौहार्द स्थापित करने में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी हुई। नई दिल्ली के भदंत धम्मानंद विवेचन ने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितना हजारों वर्ष पूर्व थे।

उन्होंने कहा कि सभी पंथ व धर्म के अनुयायियों द्वारा यदि उनके उपदेशों का अनुसरण वैश्विक शांति स्थापित करने में मददगार होगी। बौद्ध धर्म करुणा, शांति व मैत्री का संदेश देता है। आज इसकी महती आवश्यकता है। हिमालय बौद्ध संस्कृति संघ नई दिल्ली के लामा छोसफेल जोतपा, भदंत डाक्टर के सिरी सुमेध थेरो सारनाथ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पूर्व भिक्षु संघ द्वारा त्रिरत्न वंदना व पंचशील व महानिब्बान सूत्र का पाठ भी हुआ।

संस्कृति विभाग द्वारा डाक्युमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा बौद्ध परिपथ की विकास परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण भी हुआ। विशेष सचिव पर्यटन शिवपाल सिंह, उपनिदेशक पर्यटन अनूप कुमार श्रीवास्तव,प्रीति श्रीवास्तव, निदेशक पर्यटन मनोज कुमार, क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

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