अक्षय तृतीया शुक्रवार को, बन रहा खास संयोग

इस बार अक्षय तृतीया का खास महत्व है इस तिथि से शुरू किया जाता है नया कार्य महाशक्ति जगदंबा को ऋषियों ने दिया था अक्षय पात्र।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:11 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:11 AM (IST)
अक्षय तृतीया शुक्रवार को, बन रहा खास संयोग
अक्षय तृतीया शुक्रवार को, बन रहा खास संयोग

कुशीनगर : वैशाख शुक्ल द्वितीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। इसे महामुहूर्त भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मुहूर्त में कोई भी नया काम शुरू किया जा सकता है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय के अनुसार अक्षय तृतीया इस बार शुक्रवार को है। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र व सुकर्मा योग मिल रहा है। मध्याह्न काल में तृतीया तिथि का होना अत्यंत शुभ माना गया है। इस वर्ष तृतीया तिथि रात्रि 04.04 तक रहेगी। इस दिन समुद्र स्नान व मध्याह्न काल में सत्तू, शर्करा, जल व्यजन (पंखा) आदि सामग्रियों के दान का विशेष महत्व है। मध्याह्न काल में चन्द्रमा वृष के रहेंगे साथ ही मृगशिरा नक्षत्र व सुकर्मा योग रहेगा। इसी दिन आदि शक्ति जगदंबा जब बाल्यावस्था में थीं, तो ऋषियों ने उन्हें अक्षय पात्र दिया और यह वर भी दिया की इसमें रखा हुआ अन्न हमेशा पूर्ण रहेगा। इस तरह जन साधारण को चाहिए कि वो अक्षय तृतीया के दिन पीतल के पात्र में गोदुग्ध से खीर बनाकर भगवती अन्नपूर्णा को भोग लगाकर अपने स्वजन को वितरित करें। इसके पश्चात उस पात्र में चावल या गेहूं भरकर रख दें। इससे घर में भोजन की कमी नहीं होगी व आपसी सामंजस्य बना रहेगा। इसी दिन भगवान श्रीपरशुराम का जन्मोत्सव भी है।

घर में ही मनाएं भगवान परशुराम की जयंती

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के शीर्ष पदाधिकारियों ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए 14 मई को भगवान परशुराम की जयंती घर पर ही मनाने का निर्णय लिया है।

महासभा के प्रदेश महासचिव पंडित दीपक पांडेय ने दूरभाष पर कहा कि कोरोना संक्रमण वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। इसलिए समूह में या एकत्रित होने की बजाय घरों में ही भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाएगी। कुशीनगर के जिला प्रभारी पंडित मारकंडेय मिश्र ने कहा कि प्रदेश कार्यकारणी के निर्देश पर 14 मई को पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम टाल दिए गए हैं।

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