डेढ़ वर्ष बाद कालेजों में बजेगी घंटी, गुलजार होगा परिसर

सरकार के फरमान के बाद 16 अगस्त से आधी क्षमता के साथ खुल जाएंगे कालेज सरकार के फरमान के बाद तैयारियां जोरों परछात्रों में उत्साह।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 12:31 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:31 AM (IST)
डेढ़ वर्ष बाद कालेजों में बजेगी घंटी, गुलजार होगा परिसर
डेढ़ वर्ष बाद कालेजों में बजेगी घंटी, गुलजार होगा परिसर

कुशीनगर :लगभग डेढ़ वर्ष बाद 16 अगस्त को आधी क्षमता के साथ कालेज खुल जाएंगे। इस फैसले को लेकर बच्चे व अभिभावक उत्साहित हैं। कालेज प्रबंधन आवश्यक तैयारियों में जुट गया है। बच्चों के कालेज आने से उदास पड़े परिसर जहां गुलजार होंगे, वहीं कक्षा में शिष्यों को पाकर गुरुजन भी फूले नहीं समाएंगे। हालांकि, कालेज आने के लिए बच्चों को अभिभावकों का सहमति-पत्र अनिवार्य होगा।

कोविड-19 के कारण मार्च 2020 से ही स्कूल, कालेज बंद कर दिए गए। संक्रमण में कमी आने पर शिक्षकों को कालेज आने के निर्देश तो दे दिए गए, लेकिन कक्षाओं के संचालन पर रोक लगी रही। इन परिस्थितियों में 10वीं तथा 12वीं के छात्रों को प्रमोट किया गया। अब दूसरी लहर पर काबू होने के बाद अगली कक्षाओं में प्रमोट हुए बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न होने पाए इसे लेकर प्रदेश सरकार ने 16 अगस्त से कालेज खोले जाने का निर्देश दिया है। कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चे 50-50 फीसद कालेज आएंगे। बच्चों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना अनिवार्य होगा। मास्क व सैनिटाइजर अनिवार्य होगा। इस निर्णय के बाद विद्यालय प्रशासन जरूरी इंतजाम में जुट गया है। इस संदर्भ में जब प्रधानाचार्य व अभिभावकों की राय जानी गई तो इन लोगों ने अपनी बात बेबाकी से रखी।

चंद्रभूषण सिंह, प्रधानाचार्य, महात्मा गांधी इंटरमीडिएट कालेज, सखवनिया कहते हैं कि आनलाइन शिक्षा क्लासरूम की टीचिग की जगह नहीं ले सकती। सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे कमजोर और आर्थिक पृष्ठभूमि के होते हैं। कालेज खोले जाने का निर्णय स्वागत योग्य है।

नागेश्वर पति त्रिपाठी, प्रधानाचार्य, श्री गांधी स्मारक इंटर कालेज हाटा ने कहा कि कालेज खोले जाने का निर्णय सराहनीय है। मौजूदा परिस्थितियों में बचाव के साथ साथ बच्चों को बेहतर शैक्षिक माहौल उपलब्ध कराना सभी की जिम्मेदारी है। विद्यालय परिवार बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए उन्हें उचित माहौल देने को तैयार है।

माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार दूबे ने कहा कि

-गरीब बच्चे आनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं उठा सकते। विद्यालयों को बच्चों के लिए खोलना स्वागतयोग्य कदम है। बच्चों का स्वास्थ्य सर्वाेपरि है, इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन कड़ाई से होना चाहिए।

ओपी गुप्ता, प्रबंधक, गीता इंटरनेशनल स्कूल ने कहा कि सरकार का निर्णय सभी के हित में है। कालेज आने वाले बच्चों के लिए मास्क व सैनिटाइजर अनिवार्य कर दिया गया है। पिछड़े इस जिले में आनलाइन क्लास की परिकल्पना पूरी तरह साकार होती नहीं दिख रही।

अभिभावक प्रतिमा उपाध्याय ने कहा कि कालेज खोले जाने का फैसला स्वागतयोग्य है। घर पर रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चे अब उब चुके हैं। दूसरी लहर काबू होने के बाद कोविड गाइडलाइन का पालन कर बच्चों का विद्यालय जाना-आना पूरी तरह सुरक्षित है। विद्यालय का वातावरण उन्हें और भी बेहतर करने को प्रेरित करेगा।

अभिभावक बृजकिशोर शुक्ल ने कहा कि आनलाइन क्लास एक विकल्प था न कि पठन-पाठन का उचित जरिया। अब संक्रमण कम हो गया है तो विद्यालय जरूर खुलने चाहिए। सरकार ने सही समय पर सही फैसला लिया है। डेढ़ वर्ष से कालेज बंद हैं, इस काल में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हुई है।

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