कटान से 185 एकड़ खेत नारायणी में विलीन
कुशीनगर वाल्मीकिनगर बैराज से डिस्चार्ज में कमी और दो दिन से बारिश न होने से नारायणी के
कुशीनगर: वाल्मीकिनगर बैराज से डिस्चार्ज में कमी और दो दिन से बारिश न होने से नारायणी के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन कटान तेज हो गई है। गुरुवार की शाम शाहपुर में 60, बालगोविद छपरा में 40, महदेवा में 70 व करमहवां में 15 एकड़ खेत नदी में विलीन हो गए। पानी में डूबने से गन्ना, केला व धान की फसलों की भारी बर्बादी हुई है, इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
शुक्रवार से लगातार पांच दिनों तक हुई बारिश और डिस्चार्ज से नारायणी उफना गई थी, इससे दियारा के शिवपुर, मरिचहवा, नरायनपुर, हरिहरपुर, बालगोविद छपरा, शाहपुर और नदी इस पार के महदेवा, सालिकपुर, करमहवां, नरकेलिया, पनियहवा, सूरजपुर आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था। इधर दो दिन बारिश न होने और लगातार डिस्चार्ज घटने से नदी के जलस्तर में काफी कमी आ गई है। बाढ़ प्रभावित गांवों से पानी निकलने लगा है, सड़कों पर जलभराव से मुक्ति मिल गई है। दूसरी ओर कटान तेज होने से फसल और खेत नारायणी की धारा में विलीन हो रहे हैं। सुदर्शन निषाद, भोला चौहान, शांति देवी, संतोष राय, रामप्रवेश, नथुनी कुशवाहा, राजेश कुशवाहा आदि ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से कटान रोकने की व्यवस्था और क्षति का आंकलन कराकर मुआवजा दिलवाने की मांग की।
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परेशानी किसानों की जुबानी
-जवाहर भारती ने कहा कि एक एकड़ खेत में धान की रोपाई की थी, कटान की वजह से खेत नदी में विलीन हो गया। पिछले साल भी 10 कट्ठा खेत कटान की भेंट चढ़ गया था। शहवर नेशा ने बताया कि एक बीघा खेत 50 हजार रुपये में रेहन रखकर एक एकड़ में केले के पौधों को लगाया था, कुछ पौधों में फल आने लगे थे, गुरुवार की फसल समेत खेत नदी में विलीन हो गया। करीब डेढ़ लाख की क्षति हुई है। हीरालाल निषाद कहते हैं कि पिछले वर्ष बाढ़ के बाद कटान से ढाई एकड़ खेत नदी में विलीन हो गया था, शेष बचे 15 कट्ठे खेत में इस साल धान की रोपाई की थी। कटान से फसल समेत खेत नदी में चला गया। सुरेंद्र गोंड़ ने बताया कि हर साल बाढ़ आती है और हजारों एकड़ खेत फसल समेत नदी में विलीन हो जाते हैं। इससे किसानों की कमर टूट जाती है। इसके बावजूद प्रशासन मुआवजा के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं देता है।
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नदी के जलस्तर में कमी होने के बाद कटान शुरू हो जाती है, इस पर नजर रखी जा रही है। राजस्व टीम को क्षति का आकलन करने के लिए लगा दिया गया है। रिपोर्ट शासन को भेजकर मुआवजे की मांग की जाएगी।
-अरविद कुमार, एसडीएम