गजब : महमूद की जमीन पर शिवभान को लोन, भूमि बंधक
जिले में फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। महमूद की जमीन के नाम पर शिवभान को कर्ज दे दिया गया। जबकि नियमों के मुताबिक किसी के नाम पर जमीन या केसीसी होने पर उसे ही कृषि के लिए कर्ज दिया जाता है। बैंक इसे तहसील की और तहसील इसे बैंक की गलती बता रहे हैं।
जासं, कौशांबी: जिले में फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। महमूद की जमीन के नाम पर शिवभान को कर्ज दे दिया गया। जबकि नियमों के मुताबिक किसी के नाम पर जमीन या केसीसी होने पर उसे ही कृषि के लिए कर्ज दिया जाता है। बैंक इसे तहसील की और तहसील इसे बैंक की गलती बता रहे हैं।
हजरतगंज करारी निवासी महमूद किसान हैं। सोधिया में उनकी चार बीघा जमीन पर बड़ौदा ग्रामीण बैंक से कर्ज लिया गया है। हैरत की बात है कि खतौनी में यह जमीन महमूद के नाम दर्ज है और कर्ज शिवभान को दिया गया है। महमूद बैंक व तहसील के चक्कर काट रहे हैं। महमूद ने बताया कि इस जमीन को उनके पूर्वजों ने खरीदी थी। इस पर वह सालों से खेती करते आ रहे हैं। करीब एक माह पहले अचानक किसी काम के लिए उन्होंने अपने खेत की खतौनी निकाली तो मामले की जानकारी हुई। खतौनी में किसी शिवभान के नाम पर चार लाख 40 हजार रुपये में बंधक बनाना दर्ज था। आनन-फानन वह बैंक पहुंचे। उन्होंने हकीकत जानने का प्रयास किया, लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं मिल सकी। बताया कि अपने जीवन में कभी केसीसी व अन्य प्रकार के लोन के लिए आवेदन नहीं किया। न ही वह किसी शिवभान को जानते हैं। उनकी खतौनी में उनका नाम कैसे अंकित हो गया। इसकी जानकारी के लिए वह तहसील पहुंचे, लेकिन करीब एक माह से उनको अपने सवाल का जवाब नहीं मिला। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है। अधिकारियों ने अब तक उनकी शिकायत पर भी कोई रिपोर्ट नहीं लगाई।
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जिसके नाम पर खेत होता है केसीसी या फिर कुछ और किसी प्रकार का कर्ज उसे ही दिया जाता है। यहां पर खेत किसी और के नाम और उसकी खतौनी में ऋण किसी अन्य को दिया गया दर्ज है। यह गलती बैंक की नहीं है। तहसील से ही नाम दर्ज करने में कोई चूक हुई होगी।
-हिमांशु कुमार, प्रभारी प्रबंधक, बड़ौदा ग्रामीण बैंक करारी