विद्युतीकरण के बाद भी अंधेरे में ग्रामीण

मंझनपुर ब्लॉक क्षेत्र में एक ऐसा गांव है जहां विद्युतीकरण होने के बाद भी रात में लोगों के अंधेरे में रहना पड़ता है। गांव में होने वाली आपूर्ति लाइन को नलकूप फीडर से जोड़ देने की वजह से ग्रामीणों को दिन में आठ से दस घंटे बिजली मिल पाती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:32 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:32 AM (IST)
विद्युतीकरण के बाद भी अंधेरे में ग्रामीण
विद्युतीकरण के बाद भी अंधेरे में ग्रामीण

नारा : मंझनपुर ब्लॉक क्षेत्र में एक ऐसा गांव है, जहां विद्युतीकरण होने के बाद भी रात में लोगों के अंधेरे में रहना पड़ता है। गांव में होने वाली आपूर्ति लाइन को नलकूप फीडर से जोड़ देने की वजह से ग्रामीणों को दिन में आठ से दस घंटे बिजली मिल पाती है। कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी गांव की लाइन को घरेलू फीडर से नहीं जोड़ा जा रहा है। जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।

विद्युत उप केंद्र भरसवां के अंतर्गत थांभा गांव के मजरा सेवकूपुर में दो साल पहले पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण कराया गया था। इस दौरान गांव के भीतर पोल गाड़ कर लाइन बिछाई गई। बाद कैंप लगाकर सौभाग्य योजना के तहत 32 लोगों को निश्शुल्क कनेक्शन दिया गया, लेकिन गांव में होने वाली विद्युत आपूर्ति की लाइन को घरेलू फीडर से न जोड़कर विद्युत कर्मचारियों ने नलकूप फीडर से जोड़ दिया है। इससे गांव के लोगों को रात के समय बिजली नहीं मिल पाती है जिसकी वजह से पूरे गांव में अंधेरा पसरा रहता है गांव के लोगों को कहना है कि घरेलू फीडर में 16 से 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर है, जबकि नलकूप में 8 से 10 घंटे ही बिजली आपूर्ति होती है। रात के समय बिजली न मिलने से लोगों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने कई बार समस्या को लेकर अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से मामले की शिकायत की है। लेकिन अब तक गांव की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। ग्रामीणों की समस्या

गांव के विद्युतीकरण से लोगों में आशा की किरण जगी थी। अब रात में अब पूरा गांव बिजली की रोशनी से जगमग, होगा लेकिन विद्युतीकरण होने के बाद भी गांव में रात के समय अंधेरा रहता है। जिसकी वजह से गांव में उच्चकों का भय बना रहता है।

-शिव भूषण सिंह पावर हाउस से घरेलू कनेक्शनों के लिए 16 से 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर बनाया गया है। रात के समय विद्युत आपूर्ति की जाती है। नलकूपों के फीडरों मे आठ से दस घंटे ही दिन मे बिजली मिलती है। लोगों की परेशानी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

-मनोज कुमार विभाग की लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। विद्युत कनेक्शन लेने के बाद भी न तो रोस्टर के मुताबिक बिजली मिल पाती है। रात के समय बिजली न आने से विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश है।

-लल्लन गांव में बिजली अपूर्ति की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से शिकायत की गई है। इसके बाद समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। जबकि ग्रामीणों की समस्या का शीघ्र निस्तारण करने के लिए अधिकारी बार-बार दावा करते हैं।

-मानसिंह वर्जन..

क्षेत्र के सेवकूपुर गांव में नलकूप फीडर से घरेलू विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसकी जानकारी है घरेलू फीडर से जोड़ने के लिए 10 पोल लाइन की आवश्यकता है, जिसके लिए स्टीमेट तैयार कर पोल व तार की मांग की गई है। सामान मिलने के बाद गांव की लाइन को नलकूप फीडर से अलग करा दिया जाएगा।

-प्रदीप कुमार अवर, अभियंता विद्युत उपकेंद्र भरसवां

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