बेमौसम बारिश में थम गई गांव की जिदगी

ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों किसान अपने सालभर के खाने की व्यवस्था के साथ ही कच्ची छत की मरम्म

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:44 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:44 PM (IST)
बेमौसम बारिश में थम गई गांव की जिदगी
बेमौसम बारिश में थम गई गांव की जिदगी

ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों किसान अपने सालभर के खाने की व्यवस्था के साथ ही कच्ची छत की मरम्मत समेत अन्य कार्य करता है, लेकिन दो दिन से हो रही हल्की बारिश ने किसानों की रफ्तार धीमी कर दी है। ऐसे में कोई काम नहीं कर पा रहे जो पूरे साल उनको प्रभावित करता है। हालांकि मौसम में नर्मी आने से आमजनों को राहत भी मिली है।

गर्मी के दिनों में गांव की जिदगी बेहद व्यस्त होती है। खेत में मेंथा व मूंग और उर्द की फसल के साथ ही किसानों के लिए घर में भी काम की कमी नहीं होती। ऐसे में बारिश होने से किसानों की समस्या थोड़ी बढ़ गई है। मौसम इसी प्रकार रहा तो उनका जीवन सालभर प्रभावित रहेगा। भरसवां निवासी वैद्यनाथ मिश्र ने बताया कि गर्मी में कच्चे घर की छतों में मिट्टी डालकर मजबूत किया जाता है। लेकिन बेमौसम बारिश ने कुछ लोगों के काम में व्यवधान डाल दिया। इसी प्रकार छप्पर निर्माण व अन्य कार्य बारिश से पूर्व की किसान करते हैं। बारिश के चलते नहीं कर पाएंगे। हालांकि बारिश का यह भी रहा कि पूरे दिन खाद व बीज की दुकानों पर भीड़ दिखी। किसान धान की नर्सरी भी किया। बारिश से बचाने के लिए पॉलीथीन की खरीदारी भी हुई।

फसलों पर पड़ा प्रभाव

कृषि उप निदेशक डा. उदयभान गौतम ने बताया कि जिले में करीब एक हजार हेक्टेयर में मेंथा, 1200 हेक्टेयर में उर्द व मूंग और 25 हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने सब्जियों व फल की खेती की है। बारिश से जिन फसलों पर फूल था। उनके उत्पादन के प्रभावित होने की संभावना है। बताया कि इस बारिश का सबसे बुरा प्रभाव मेंथा की खेती पर पड़ेगा। यदि गर्मी न बढ़ी तो मेंथा का उत्पादन करीब 60 फीसद से अधिक प्रभावित होगा।

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