कौशांबी में भी है श्री मठ बाघम्बरी की करोड़ों की संपत्ति, नरेंद्र गिरि की मौत से गम में डूबे भक्त

प्रयागराज के अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी के नाम कौशांबी में करोड़ों की संपत्ति है। चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख श्री मठ बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है जिसमें छह बीघे में बागवानी है जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ है। कृषि उपज व बागवानी से मठ को लाखों की आय होती है। यहां पर महंत नरेंद्र गिरि का आना-जाना भी साल में दो बार होता था। मौत के बाद श्रद्धालु गमजदा हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:38 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:38 PM (IST)
कौशांबी में भी है श्री मठ बाघम्बरी की करोड़ों की संपत्ति, नरेंद्र गिरि की मौत से गम में डूबे भक्त
कौशांबी में भी है श्री मठ बाघम्बरी की करोड़ों की संपत्ति, नरेंद्र गिरि की मौत से गम में डूबे भक्त

कौशांबी : प्रयागराज के अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी के नाम कौशांबी में करोड़ों की संपत्ति है। चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख श्री मठ बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है, जिसमें छह बीघे में बागवानी है, जिसकी कीमत लगभग चार करोड़ है। कृषि उपज व बागवानी से मठ को लाखों की आय होती है। यहां पर महंत नरेंद्र गिरि का आना-जाना भी साल में दो बार होता था। मौत के बाद श्रद्धालु गमजदा हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी से जनपद के कई गांव के लोगों की आस्था थी। उनकी मौत से सैकड़ों श्रद्धालु गमजदा हैं। जनपद में श्री मठ बाघम्बरी के नाम कौशांबी में करोड़ों की संपत्ति है। चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर की देखरेख श्री मठ बाघम्बरी की ओर से की जाती है। इसके अलावा जनपद के आठ गांवों में लगभग 32 बीघे भूमि है। शिवमंदिर के पुजारी सुरेश प्रजापति ने बताया कि जिन गांव में जिन गांव में श्री मठ बाघम्बरी के नाम भूमि है। उसमें जमालमऊ, मलाका, कसिया, सेलरहा, कादीपुर, बसोहनी, वंश का पूरा शामिल हैं। मठ के नाम की भूमि पर खेती होती है। लगभग छह बीघे भूमि पर बागवानी होती है। इससे मठ को लाखों रुपये की आय होती है। कहा कि जनपद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी चायल तहसील क्षेत्र के जमालमऊ गांव स्थित प्रचीन शिव मंदिर का साल में दो बार आते थे। उनके आने की सूचना पर सैकड़ों भक्त मंदिर में पहुंच जाते थे और श्री महंत से प्रसाद के साथ आशीर्वाद लेते थे। भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद लोग गमगमीन हैं।

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