मौसम ने ली करवट, गोशालाओं में मवेशियों को ठंड से बचाने को कोई इंतजाम नहीं

तीन दिन से मौसम के अचानक करवट बदलने पर लोगों ने ठंड से बचने के लिए उपाय कर लिए हैं। लोगों ने अपने मवेशियों के लिए भी इंतजाम कर लिया है। मगर गोशालाओं में रहने वाले मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई। न ही कोई ठोस कार्ययोजना बनाई गई है। अधिकारी एक-दूसरे पर टालमटोल करने में लगे हैं। ठंड बढ़ने और बेहतर देखरेख न होने से मवेशियों की तबीयत खराब हो रही है। अधिकारी चैन की बंसी बजा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:10 AM (IST)
मौसम ने ली करवट, गोशालाओं में मवेशियों को ठंड से बचाने को कोई इंतजाम नहीं
मौसम ने ली करवट, गोशालाओं में मवेशियों को ठंड से बचाने को कोई इंतजाम नहीं

चायल : तीन दिन से मौसम के अचानक करवट बदलने पर लोगों ने ठंड से बचने के लिए उपाय कर लिए हैं। लोगों ने अपने मवेशियों के लिए भी इंतजाम कर लिया है। मगर गोशालाओं में रहने वाले मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई। न ही कोई ठोस कार्ययोजना बनाई गई है। अधिकारी एक-दूसरे पर टालमटोल करने में लगे हैं। ठंड बढ़ने और बेहतर देखरेख न होने से मवेशियों की तबीयत खराब हो रही है। अधिकारी चैन की बंसी बजा रहे हैं।

मौसम का मिजाज बदलने पर दैनिक जागरण ने 'बेसहारा मवेशियों की चिंता' को लेकर अपनी मुहिम शुरू की है। जागरण की टीम ने पहले दिन शुक्रवार को नगर पंचायत चायल के डीहा सरैयां स्थित गोशाला समेत ब्लाक के हरदुआ समेत अन्य गोशालाओं का निरीक्षण किया। वहां पर मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया गया। गोशाला में रहने वाले गोवंश को ठंड से बचाव के लिए टाट और बोरे की पट्टी या गोशाला टीन शैड का प्रबंध होना चाहिए। टीन शैड के चारों तरफ तिरपाल लगाकर भी मवेशियों को ठंड से बचाया जा सकता है। लेकिन चायल नगर पंचायत के वार्ड न. एक डीहा सरैयां में अभी तक गोवंश को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है, जबकि इस गोशाला में 72 मवेशी। देखरेख के अभाव में मवेशियों का स्वास्थ्य पहले से भी अच्छा नहीं है। अचानक मौसम बदलने में कई मवेशियों की हल्की तबीयत खराब हो गई है। हरदुआ गोशाला में 65 मवेशियों हैं। वहां पर भी मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। दोनों गोशाला की देखरेख का जिम्मा नगर पंचायत व ब्लाक के अधिकारियों को सौंपा गया है। अधिशाषी अधिकारी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि गोवंश के ठंड से बचाने के लिए बंद त्रिपाल की व्यवस्था का आदेश दिया गया है। ठंड बढ़ते ही गोशाला को त्रिपाल से ढक कर कवर कर दिया जाएगा। इसके बाद भी टाट पट्टी या बोरे आदि की जरूरत के हिसाब से व्यवस्था करवाई जाएगी। पशुचिकित्सक सुधीर कुमार का कहना है कि कमजोर मवेशियों में ठंड लगने की ज्यादा संभावना होती है। घर पर रहने वाले मवेशियों की तुलना में गोशालाओं में रहने वाले मवेशियों की उचित देखभाल नहीं होती है। वर्जन..

प्रधान व सचिवों से स्पष्ट किया गया है कि सभी गोशालाओं में बनाए गए टीन शेड के सामने प्लास्टिक की चादर लगाएं , जिससे मवेशियों को ठंड न लगे। साथ ही पशु चिकित्सकों व पशुधन प्रसार अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह गोशाला का भ्रमण सप्ताह में तीन दिन करें। यदि किसी मवेशियों का ठंड का लक्षण दिखे तो उसका इलाज किया जाए।

-डॉ. बीपी पाठक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी गोशाला में मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए सभी इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। टीन शेड के अंदर हवा न जाए, इसके लिए वहां पर तिरपाल लगाने को कहा गया है। साथ ही मवेशियों के शरीर को ढकने के लिए बोरों का इंतजाम कवर के रूप में करने को कहा गया है। किसी भी गोशाला में अगर ठंड से मवेशी की मौत होगी है तो लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-अमित कुमार सिंह, जिलाधिकारी

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