जर्जर तार व खंभों के सहारे पांच फीडरो की बिजली आपूर्ति
विद्युत आपूर्ति के लिए सरायअकिल सब स्टेशन से पांच फीडर बनाए गए है। इन फीडरों से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लगातार आपूर्ति होती है। शासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में 18 व शहरी क्षेत्र में 21 घंटे आपूर्ति का निर्देश है लेकिन सरायअकिल फीडर की जर्जर तारा के कारण अक्सर आपूर्ति बाधित रहती है। तार टूटकर गिरने समेत अन्य घटनाओं के कारण आग की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। स्थानीय लोगों ने इन समस्याओं को लेकर लगातार विद्युत विभाग के अफसरों को आगाह किया लेकिन समस्या जस की तस बनी है।
सरायअकिल : विद्युत आपूर्ति के लिए सरायअकिल सब स्टेशन से पांच फीडर बनाए गए है। इन फीडरों से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लगातार आपूर्ति होती है। शासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में 18 व शहरी क्षेत्र में 21 घंटे आपूर्ति का निर्देश है, लेकिन सरायअकिल फीडर की जर्जर तारा के कारण अक्सर आपूर्ति बाधित रहती है। तार टूटकर गिरने समेत अन्य घटनाओं के कारण आग की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। स्थानीय लोगों ने इन समस्याओं को लेकर लगातार विद्युत विभाग के अफसरों को आगाह किया, लेकिन समस्या जस की तस बनी है।
विद्युत आपूर्ति के लिए सरायअकिल सब स्टेशन में सप्लाई कंट्रोल के लिए 10 मशीनें लगाई गई है। इनमें छह को पूर्व में बदल लिया गया है। जबकि चार पुरानी मशीनों से ही काम चल रहा है। इन मशीनों के सहारे पुरखास, नेवादा, मंझनपुर व जल निगम फीडर समेत 170 गांव को बिजली आपूर्ति की जाती है। गांव में खेतों के बीच व सड़क के किनारे फैले विद्युत तार सालों पहले लगे थे। जो अब जर्जर होने के साथ ही साथ ढीले हो गए है। आपस में अक्सर हल्की हवा में ही सट जाते हैं। जिससे शार्ट सर्किट होने से आगजनी जैसी घटनाएं होती है। बीते एक माह में करीब आठ स्थानों पर तार टूटकर गिरे हैं। जिससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो चुकी है। इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जर्जर तारों को बदलने और दूसरी तार लगाने के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों से कहा। उनकी मांग के बाद भी बिजली विभाग लापरवाही कर रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
बिजली शार्ट सर्किट होने से अकसर आगजनी जैसी घटनाएं होती है। इस वर्ष भी कई किसानों की फसल जल चुकी है। इसकी वजह से किसानों का काफी नुकसान भी हुआ है।
- सुनील केसरवानी
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बिजली विभाग की लापरवाही से किसानों फसल हर वर्ष जलती है, लेकिन फसल नुकसान की मुआवजा बिजली विभाग किसानों को नहीं देता है। इससे परेशानी हो रही है।
- बड़का
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किसी पेड़ के ऊपर से तार गुजरी और वह डाल से टकरा रही है तो दुर्घटना को दावत दे रही है, इसी तरह से कमजोर व लटकते तार समय से ठीक किए जाए तो हादसों में अंकुश लगाया जा सकता है।
- अभिषेक
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हम सब लोगों ने विभाग को पहले से आगाह किया है, लेकिन विभागीय अधिकारी नहीं सुन रहे। वह व्यवस्था बेहतर करें तो लोगों को राहत होगी।
- छोटू जैन विभाग के पास बिजली की तारों को बदलने के लिए अलग से कोई बजट नहीं है। जिन लोगों के खिलाफ बिल बकाए को लेकर आरसी जारी हो चुकी है। उनसे हुई वसूली का 15 फीसद धन जर्जर व्यवस्था को सुधारने में खर्च होगा। इन दिनों वसूली का प्रयास किया जा रहा है। लोगों ने बिल जमा किया तो उनको बेहतर व्यवस्था मिलेगी।
एसके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता