योजना फ्लाप, पांच वर्ष में 1535 लोगों को मिला रोजगार, 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का था लक्ष्य

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख योजना है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में सुधार बेहतर प्रशिक्षण देकर युवक व युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए शासन स्तर से निर्देश दिया गया है लेकिन यह योजना जिले में फ्लाप हो रही है। पिछले पांच वर्षों में वर्ष में 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ना था। अब तक 1535 बेरोजगारों रोजगार दिया जा सका है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:57 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:57 PM (IST)
योजना फ्लाप, पांच वर्ष में 1535 लोगों को मिला रोजगार, 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का था लक्ष्य
योजना फ्लाप, पांच वर्ष में 1535 लोगों को मिला रोजगार, 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का था लक्ष्य

कौशांबी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख योजना है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में सुधार, बेहतर प्रशिक्षण देकर युवक व युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए शासन स्तर से निर्देश दिया गया है, लेकिन यह योजना जिले में फ्लाप हो रही है। पिछले पांच वर्षों में वर्ष में 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ना था। अब तक 1535 बेरोजगारों रोजगार दिया जा सका है।

कौशल विकास मिशन के तहत बेरोजगार युवाओं व युवतियों को कंप्यूटर शिक्षा, फैशन डिजाइनर, सिलाई-कढ़ाई, हेयर कटिग समेत 36 ट्रेडों पर प्रशिक्षित करने का निर्देश केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है। विकास भवन में जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई का कार्यालय भी खोला गया है। वर्ष 2016-17 से मार्च 2021 तक जनपद के 10175 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ना था, लेकिन जिम्मेदारों ने योजना को लेकर लापरवाही बरती है, जिसकी वजह से कई कई केंद्र बंद हो गए। पिछले पिछले वर्ष में प्रशिक्षण देकर 4879 लोगों प्रमाण दिया गया, जिसमें 1535 लोग ही रोजगार से जुड़ सके हैं। मंझनपुर के संदीप ने बताया कि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए लेकिन सफलता नहीं मिली तो रोजगार परख प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

सिराथू के राजेंद्र व संदीप ने बताया कि बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए कई आवेदन किया। रिप्लाई आने पर परीक्षाएं भी दी, लेकिन नौकरी नहीं मिली। रोजगार से जुड़ने के लिए प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण भी प्राप्त की लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। स्वरोजगार से न जुड़ पाने की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक कौशल विकास मिशन अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि कौशल विकास मिशन के तहत बेरोजगार युवाओं व युवतियों को कंप्यूटर शिक्षा, फैशन डिजाइनर, सिलाई-कढ़ाई, हेयर कटिग समेत 36 ट्रेडों पर प्रशिक्षण देने का प्रावधान है। कोविड की वजह से पिछले वर्ष में प्रशिक्षण केंद्र नहीं चल सके। इस वर्ष 675 युवक व युवतियों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में चार प्रशिक्षण केंद्र चल रहे है, जिसमें 320 बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। उन्हें स्वरोजगार जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। रोजगार के लिए भटक रहे 3344 युवा

कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ज्यादातर युवक-युवतियों को रोजगार मुहैया नहीं हुआ है। पिछले पांच वर्ष में योजना के तहत 4879 लोगों प्रमाण दिया गया, जिसमें 1535 लोग ही स्वरोजगार से जुड़ सके हैं। 3344 युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। प्रशिक्षित युवा व युवतियां विकास भवन स्थित कौशल विकास विभाग के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

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