हत्या का राजफाश होने की आस छोड़ चुके थे शिवसागर के परिवारीजन, अब जागा पुलिस के प्रति विश्वास

सराय अकिल थाना क्षेत्र के अमिरसा गांव निवासी मोहनलाल के तीन बेटे हैं। सबसे बड़े बेटे शिवसागर की धारदार हथियार से हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब डालकर जलाया गया था और उसके शव को तत्कालीन थाना पूरामुफ्ती के महंगाव स्थित बाजरे की खेत में ठिकाने लगाया गया था। घर से कोचिग के लिए निकले 13 वर्षीय शिवसागर के शव होने की शिनाख्त कपड़े से करते हुए पिता मोहनलाल ने पुलिस को तहरीर दिया था। मामले में पुलिस के दर्ज कर आरोपितों की तलाश कर रही थी। तीन वर्ष बीतने के बाद मोहनलाल ने भी बेटे की हत्या की राज खुलने और आरोपितों को सजा मिलने की आस छोड़ चुका था। बुधवार को शिवसागर हत्याकांड के हुए पर्दाफाश से मोहनलाल के स्वजनों में पुलिस के प्रति विश्वास जागृत हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:58 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:58 PM (IST)
हत्या का राजफाश होने की आस छोड़ चुके थे शिवसागर के परिवारीजन, अब जागा पुलिस के प्रति विश्वास
हत्या का राजफाश होने की आस छोड़ चुके थे शिवसागर के परिवारीजन, अब जागा पुलिस के प्रति विश्वास

कौशांबी। सराय अकिल थाना क्षेत्र के अमिरसा गांव निवासी मोहनलाल के तीन बेटे हैं। सबसे बड़े बेटे शिवसागर की धारदार हथियार से हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब डालकर जलाया गया था और उसके शव को तत्कालीन थाना पूरामुफ्ती के महंगाव स्थित बाजरे की खेत में ठिकाने लगाया गया था। घर से कोचिग के लिए निकले 13 वर्षीय शिवसागर के शव होने की शिनाख्त कपड़े से करते हुए पिता मोहनलाल ने पुलिस को तहरीर दिया था। मामले में पुलिस के दर्ज कर आरोपितों की तलाश कर रही थी। तीन वर्ष बीतने के बाद मोहनलाल ने भी बेटे की हत्या की राज खुलने और आरोपितों को सजा मिलने की आस छोड़ चुका था। बुधवार को शिवसागर हत्याकांड के हुए पर्दाफाश से मोहनलाल के स्वजनों में पुलिस के प्रति विश्वास जागृत हुआ है।

सराय अकिल के अमिरसा गांव निवासी मोहनलाल मेहनत मजदूरी करके पत्नी आशा देवी व बेटे सचिन और साहिल समेत घरवालों का भरण-पोषण करता है। बीते तीन साल पहले उनका 13 वर्षीय बेटा सागर वर्ष 2018 को वह साइकिल से निकला था। इस बीच वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। शव मिलने और शिनाख्त होने के बाद मोहनलाल का डीएनए शव से मिलान कराने के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। कई महीना बीत जाने के बाद भी उसने पुलिस थानों समेत अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काटना नहीं छोड़ा। धीरे-धीरे वक्त बीता और साल भर का समय बीता तो वह मायूस हो गया। अब वह अपने बेटे सचिन और साहिल समेत पत्नी आशा देवी के साथ मजदूरी करके गुजारा करता था। आशा देवी ने बताया कि उसकी ममता अभी खत्म नहीं हुई थी। वह अभी भी उसकी याद आने पर आपने आंसुओं को रोक नहीं पाती थी। बुधवार को शिवसागर हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ और आरोपितों की गिरफ्तारी कर पुलिस ने उन्हें जेल भेजा तो मृतक सागर के पिता मोहनलाल समेत उसके स्वजनों में पुलिस के अधिकारियों पर बहुत बड़ा विश्वास जागृत हो उठा। पुलिस सूचना पर थाने पहुंचे स्वजनों ने हत्या में उपयोग किए गए हथियार समेत किशोर की साइकिल की बरामदगी और आरोपितों की गिरफ्तारी से एक बार फिर बेटे की शोक में प्रफुल्लित होकर जोर-जोर से रोने लगा और पुलिस को दिल से दुआ और धन्यवाद दिया। पीड़ित स्वजनों की रोम-रोम अधिकारियों का आभार प्रकट कर रहा है। डीएम द्वारा सांत्वना में 12 बिस्वा भूमि से वंचित है परिवार

चायल तहसील के अमिरसा गांव निवासी भूमिहीन मोहन लाल के बेटे की हत्या पर सांत्वना देने पहुंचे जिला अधिकारी ने उसे 12 बिस्वा भूमि खेती के लिए पट्टा आवंटित करने की बात कही थी। जिसके बाद वह जमीन की गुत्थियों में उलझकर कुछ दिनों तक तहसील और राजस्व अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगाया। उसके बाद मायूस हो गया। आरोप है कि लेखपाल भी टालमटोल करता रहा।

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