कोरोना काल में बेसहारा हुए बुजुर्गों को मिलेगा ठिकाना

जीवन के अंतिम दिनों में बुजुर्गों की देखभाल करना और उनको उचित संसाधन मुहैया कराते हुए खुश रखना आसान नहीं होता। ऐसे में तमाम बुजुर्ग ऐसे होते हैं जो परिवार होने बाद भी खुद को बेसहारा महसूस करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान तमाम लोगों की मौत हुई। ऐसे में कुछ लोगों का पूरा परिवार ही काल गाल में समा गया। जिन परिवार में केवल बुजुर्ग बचे हैं। उनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। ऐसे बुजुर्गों को अब वृद्धाश्रम में रखा जाएगा। यहां उनको निश्शुल्क भोजन सुरक्षा व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी। डीएम ने ऐसे लोगों की तलाश की जिम्मेदारी सभी एसडीएम खंड विकास अधिकारी व नगर पालिका व नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को दी है। इनके द्वारा चिह्नित बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में स्थान दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:59 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:59 PM (IST)
कोरोना काल में बेसहारा हुए बुजुर्गों को मिलेगा ठिकाना
कोरोना काल में बेसहारा हुए बुजुर्गों को मिलेगा ठिकाना

जासं, कौशांबी : जीवन के अंतिम दिनों में बुजुर्गों की देखभाल करना और उनको उचित संसाधन मुहैया कराते हुए खुश रखना आसान नहीं होता। ऐसे में तमाम बुजुर्ग ऐसे होते हैं जो परिवार होने बाद भी खुद को बेसहारा महसूस करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान तमाम लोगों की मौत हुई। ऐसे में कुछ लोगों का पूरा परिवार ही काल गाल में समा गया। जिन परिवार में केवल बुजुर्ग बचे हैं। उनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। ऐसे बुजुर्गों को अब वृद्धाश्रम में रखा जाएगा। यहां उनको निश्शुल्क भोजन, सुरक्षा व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी। डीएम ने ऐसे लोगों की तलाश की जिम्मेदारी सभी एसडीएम, खंड विकास अधिकारी व नगर पालिका व नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को दी है। इनके द्वारा चिह्नित बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में स्थान दिया जाएगा।

पूरा जीवन संघर्ष व घर परिवार को बनाने में बिताने वाले बुजुर्गों के लिए जिदगी के अंतिम दिनों में अपने ही बेगानों की तरह व्यवहार करते हैं। ऐसे में बुजुर्ग एकाकी जीवन जीने के साथ ही उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। उनकी परेशानी समझने वाला कोई नहीं होता। इसके साथ ही कुछ परिवार ने कोरोना महामारी में अपनों को खो दिया है। अब परिवार में केवल बुजुर्ग बचे हैं। उनको भोजन, सुरक्षा व चिकित्सा की जरूरत है, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नहीं है। ऐसे लोगों के लिए अब प्रशासन ने वृद्धाश्रम का विकल्प दिया है। बुजुर्ग चाहे तो वृद्धाश्रम में रह सकते हैं। डीएम सुजीत कुमार ने ऐसे लोगों को वृद्धाश्रम के रखे जाने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी एसडीएम, खंड विकास अधिकारी व नगर पंचायत व नगर पालिका के ईओ को पत्र भेजकर जरूरतमंदों की तलाश कर उनको वृद्धाश्रम भेजे जाने का निर्देश दिया है। वृद्धाश्रम संचालक आलोक राय ने बताया कि डीएम की ओर से इस प्रकार का आदेश जारी किया गया है। आश्रम में यदि बुजुर्ग आते हैं तो वह उनकी मदद के लिए तैयार है। बताया कि बुजुर्गों को यहां भोजन, सुरक्षा व चिकित्सा की बेहतर सुविधा दी जा रही है। प्रयास है कि यहां कोई असंतुष्ट न रहे।

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