अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को 20 वर्ष कैद की सजा, अदालत ने 60 हजार रुपये लगाया अर्थदंड

अपर जिला जज कक्ष-9 योगेश कुमार ने किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को पुलिस ने 20 वर्ष कैद व 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि आरोपित के पिता पर दोष सिद्ध न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। आरोपित का पिता अब जल्द ही जेल से बाहर होगा जबकि आरोपित अब जेल में ही रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 11:41 PM (IST)
अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को 20 वर्ष कैद की सजा, अदालत ने 60 हजार रुपये लगाया अर्थदंड
अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को 20 वर्ष कैद की सजा, अदालत ने 60 हजार रुपये लगाया अर्थदंड

कौशांबी। अपर जिला जज कक्ष-9 योगेश कुमार ने किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के आरोपित को पुलिस ने 20 वर्ष कैद व 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि आरोपित के पिता पर दोष सिद्ध न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। आरोपित का पिता अब जल्द ही जेल से बाहर होगा जबकि आरोपित अब जेल में ही रहेगा।

शासकीय अधिवक्ता पुरुषोत्तम लाल के अनुसार पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने शिकायती पत्र देकर बताया कि 19 अप्रैल 2010 को उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण प्रयागराज जनपद के सोरांव निवासी संजय कुमार ने किया है। मामले में आरोपित के पिता रामकुमार पर भी मदद किए जाने का आरोप लगाया। शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया और किशोरी को बरामद किया। किशोरी का गोपनीय बयान कराया गया तो उसने दुष्कर्म की भी बात कबूल। इस पर पुलिस ने अपहरण के साथ दुष्कर्म की धारा भी विवेचना में शामिल किया। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामला अपर जिला जज कक्ष संख्या 9 की अदालत में चला। अभियोजन की ओर से कुल 9 गवाह पेश कराए गए। उभय पक्षों के तर्कों को सुनने व पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने आरोपित संजय कुमार को बहला-फुसलाकर अपहरण कर दुष्कर्म करने का आरोप सिद्ध पाया। इस पर अदालत ने उसे 20 साल कैद व 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पिता रामकुमार पर दोष सिद्ध न होने पर उसे बरी कर दिया।

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