उतना ही लो थाली में, जो व्यर्थ न जाए नाली में, छात्रों ने दीपदान कर अन्न न बेकार करने की ली शपथ

हर साल 16 अक्टूबर को पूरे विश्व में समाज में रहने वाले हर प्राणी के जीवनकाल से भूख मिटाने के लिए विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की तिथि भी यह याद दिलाता है। इस साल विश्व खाद्य दिवस की थीम है एक स्वस्थ कल के लिए अब सुरक्षित भोजन है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:19 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:19 PM (IST)
उतना ही लो थाली में, जो व्यर्थ न जाए नाली में, छात्रों ने दीपदान कर अन्न न बेकार करने की ली शपथ
उतना ही लो थाली में, जो व्यर्थ न जाए नाली में, छात्रों ने दीपदान कर अन्न न बेकार करने की ली शपथ

कौशांबी। हर साल 16 अक्टूबर को पूरे विश्व में समाज में रहने वाले हर प्राणी के जीवनकाल से भूख मिटाने के लिए विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की तिथि भी यह याद दिलाता है। इस साल विश्व खाद्य दिवस की थीम है ' एक स्वस्थ कल के लिए अब सुरक्षित भोजन' है।

विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर कड़ा विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय सौरई बुजुर्ग में प्रधानाध्यापक अजय कुमार साहू के नेतृत्व में विद्यालय के अभिभावकों व विद्यार्थियों के मध्य विश्व खाद्य दिवस का आयोजन किया गया।

इस दौरान प्रधानाध्यपक अजय साहू ने छात्रों को अन्न की बर्बादी रोकने व अभिभावकों को गुणवत्तापूर्ण अन्न उत्पादन की दिशा में काम करने की सलाह दी। साथ ही प्रांगण में उपस्थित सभी अभिभावकों व बच्चों से अन्न बर्बाद न करने हेतु 'उतना ही लो थाली में ,जो व्यर्थ न जाए नाली में ' उच्चारण करवाते हुए सामूहिक शपथ दिलवाने के साथ अन्न की महत्ता को बताया।

उन्होंने प्रांगण में उपस्थित जनों को बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों से आज ही के दिन 16 अक्टूबर को खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की गई थी। इसलिए इस दिन को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। बदलती जीवन शैली और खान-पान के तौर तरीकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुराने लोग थाली में आए अन्न को बर्बाद नहीं करते थे, लेकिन वर्तमान में अन्न की बर्बादी एक बड़ी समस्या बन गई है, इसे रोकना होगा। आधुनिकता की दौड़ में हम यह भूल जाते हैं कि आज भी हजारों लोग भोजन की कमी के चलते भूखे सो जाते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों को इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने भूखे लोगों को भोजन कराने वाले कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपील की है कि अन्न की बर्बादी रोकने का हम सभी को संकल्प लेना चाहिए।

इस दौरान शिक्षिका राठौर शशि देवी ने एक आंकड़े का उदाहरण देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसके अनुसार भारतीय प्रतिदिन 244 करोड़ रुपये का भोजन बर्बाद कर देते हैं। मतलब एक साल में 89060 करोड़ रुपये का खाना बेकार हो जाता है। दूसरी ओर भारत में प्रतिदिन 19 करोड़ 40 लाख लोग भूखे सोते हैं। यह आंकड़ा चीन में भुखमरी के शिकार लोगों से कहीं अधिक है। हमे इस हालात पर विचार मंथन कर अन्न देवता की कद्र कर राष्ट्र को सशक्त बनाना होगा।

विद्यालय के अन्य शिक्षक कर्मचारियों ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत कर अन्न के महत्व को बताया।

मां अन्नपूर्णा के सम्मान में बच्चों ने जलाए जले दीप

विद्यालय में खाद्यान्न की देवी मां अन्नपूर्णा के सम्मान में विश्व खाद्य दिवस पर बच्चों ने सामूहिक रूप से दीपदान किया।

प्रधानाध्यापक ने बताया कि रात्रि में विद्यालय के सभी कर्मचारियों, बच्चों व अभिभावकों द्वारा अपने-अपने घरों में दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसकी तैयारी के लिए विद्यालय में बच्चों द्वारा वृहद मात्रा में दीप तैयार किये जा चुके हैं। कार्यक्रम में राठौर शशि देवी, रामप्रसाद, राजेश शर्मा, शिवम केसरवानी, आशीष श्रीवास्तव, योगेंद्र, पूजा, सुनीता सहित अन्य विद्यालय कर्मचारी व अभिभावकगण उपस्थित रहे।

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