कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे दुकानदार
सरायअकिल कोरोना संक्रमण की रफ्तार को घटता देखा सरकार ने लोगों की समस्या कम करते
सरायअकिल : कोरोना संक्रमण की रफ्तार को घटता देखा सरकार ने लोगों की समस्या कम करते हुए दुकाने, बाजार व अन्य प्रतिष्ठा जरूर खोल दिया है, लेकिन अभी तक कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसको दोबारा फैलने की संभावना है। तीसरी लहर की भी तेजी से चर्चा है। इसके बाद भी जिले में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है। बाजारों, दुकानों व अन्य संस्थानों में लोग आपसी दूरी का ध्यान नहीं रख रहे। यहां बचाव का मूल सिद्धांत है। बिना मास्क के भी अधिकांश लोग बाजार में दिख रहे हैं। दुकानदारों व ग्राहकों में कोरोना का खौफ नहीं है।
सरायअकिल के चंद्रशेखर पार्क, बाजार रोड, बस स्टैंड व उसके पास की पूरी मार्केट की हालत खराब है। यहां पूरे दिन लोगों का आना जाना लगा रहता है। दुकानदार अपने थोड़े से लाभ के लिए न खुद कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हैं और न ग्राहकों को इसके लिए टोकते हैं। इसके कारण यहां बिना मास्क के लोग बेखौफ हो कर घूमते रहते हैं। उनके बीच किसी प्रकार की दूरी नहीं रहती। इसी प्रकार फुटपाथ पर लगने वाली सब्जी मंडी, फलों की दुकानों आदि स्थानों पर कोविड गाइड लाइन का पालन न होने से कोरोना संक्रमण दोबारा फैल सकता है। लोगों के बीच इस बात की जरह भी दहशत नहीं है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। यह दोबारा समाज को अपने गिरफ्त में ले सकता है।
जिन प्रशिक्षुओं ने खोया अभिभावक, मिलेगी मदद : कोरोना संक्रमण में अभिभावक खोने वाले प्रशिक्षुओं को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिया जाएगा। उनको जरूरत के अनुसार लैपटाप, टेबलेट व सहायता राशि मिलेगी। इसके लिए पात्रों को आइटीआइ सिराथू प्रधानाचार्य के पास आवेदन करना होगा।
आइटीआइ नोडल व सिराथू प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ ऐसे प्रशिक्षुओं को मिलेगा। जिनकी उम्र 18 वर्ष या फिर उससे अधिक होगी। उन्होंने अपने माता- पिता, माता- पिता में किसी एक की मौत मार्च 2020 से पहले हुई होगी। या फिर माता- पिता दोनों की मौत मार्च 2020 से पहले हुई हो। बताया कि यदि किसी के लीगल अभिभावक की मौत हुई होगी तो भी योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि माता- पिता दोनों जीवित हैं, लेकिन आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मौत हुई है। उनको योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि माता- पिता दोनों की आय दो लाख वार्षिक से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रधानाचार्य ने बताया कि प्रशिक्षु बालिकाओं के विवाह के लिए योजनाओं में एक लाख 10 हजार की आर्थिक मदद मिलेगी।