बारिश से जलमग्न हुए रास्ते, आने-जाने में दिक्कत

कौशांबी मौसम के मिजाज में बीते एक सप्ताह से परिवर्तन दिख रहा है। सोमवार को अचानक हुई ब

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 09:59 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:59 PM (IST)
बारिश से जलमग्न हुए रास्ते, आने-जाने में दिक्कत
बारिश से जलमग्न हुए रास्ते, आने-जाने में दिक्कत

कौशांबी : मौसम के मिजाज में बीते एक सप्ताह से परिवर्तन दिख रहा है। सोमवार को अचानक हुई बारिश से कस्बों व गांवों की कई गलियों में जलभराव हो गया है। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। यही नहीं कई लोगों का घर भी गिर गया है।

बारिश शुरू होने से पहले जल निकासी का इंतजाम करने का निर्देश डीएम ने डीपीआरओ व नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों को दिया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। नालियां चोक होने की वजह से बारिश का पानी रस्ते में फैला हुआ है।

मंझनपुर विकास खंड समरो से रक्सवारा गांव जाने वाले रास्ते पर नाली का सही निर्माण न होने से इन दिनों लोगों के घरों के सामने पानी फैला हुआ है। इससे आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समरो चौराहा से गांव के दक्षिण से मुख्य मार्ग रक्सवारा तक जाने के लिए तीन वर्ष पूर्व सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन नालियों का निर्माण कार्य ठीक से नहीं कराया गया। ठीक तरीके से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इससे संक्रामक बीमारियों का भय बना हुआ है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने एडीओ पंचायत कमला कांत मिश्र की थी। इसके बाद भी जल निकासी के लिए इंतजाम नही हो सका। इसी प्रकार नगर पंचायत पूरब शरीरा विकलांग केंद्र की ओर जाने वाला रास्ते में पानी से भरा हुआ है, जिसकी वजह से लोगों को पैदल निकालने में दिक्कत हो रही है। शिकायत के बाद भी नगर पंचायत प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। यज्ञ हवन के बाद भंडारे का आयोजन : कोरोना महामारी से मानव जीवन पर आए संकट से बचाने के लिए सिराथू क्षेत्र के मौलीवपुर उचरावां गांव में प्राचीन हनुमान मंदिर में लोगों ने मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ किया। इसके बद हवन यज्ञ करते हुए साधु-संतों को भोजन कराया।

कोरोना महामारी के खात्मे व पीड़ितों के जल्द स्वस्थ होने के लिए क्षेत्र के लोगों के सहयोग से मोलवीपुर उचरावां स्थित हनुमान मंदिर में महंत बालक दास बाबा ने सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया। बीमारी से निजात पाने के लिए यज्ञ कर लोगों ने आहूति डाली। हवन संपन्न होने के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। साथ ही साधु-संतों को भी भोजन कराया गया।

chat bot
आपका साथी