ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने को तैयार किया खाका
जिले में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकारी जीजान से मेहनत तो कर रहे हैं लेकिन संसाधनों के अभाव में काफी दिक्कत आ रही है। कर्मचारियों की कमी और सिग्नल संकेतक व वाहन पार्किंग जैसी तमाम अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए पुलिस व एआरटीओ विभाग के जिम्मेदारों ने खाका तैयार कर लिया है।
कौशांबी : जिले में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकारी जीजान से मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव में काफी दिक्कत आ रही है। कर्मचारियों की कमी और सिग्नल, संकेतक व वाहन पार्किंग जैसी तमाम अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए पुलिस व एआरटीओ विभाग के जिम्मेदारों ने खाका तैयार कर लिया है। इसे शासन में भेजने के लिए आला अफसरों तक भी पहुंचा दिया गया है। माना जा रहा है कि तमाम कमियों को शीघ्र ही दूर कर दिया जाएगा।
जनपद में आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के अलावा जाम की भी समस्या बनी रहती है। इन सबके पीछे कहीं न कहीं से व्यवस्थाओं की कमी आड़े आ रही है। मंझनपुर, पूरामुफ्ती, मनौरी, सरायअकिल, मूरतगंज, सिराथू व सैनी जैसे प्रमुख चौराहों व बाजारों में भीड़ अधिक होने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। कहने के लिए पुलिस विभाग के पास ट्रैफिक के सिपाही तो हैं, लेकिन काफी कम संख्या में होने के कारण ऐसे स्थानों पर उनकी तैनाती करना मुश्किल भरा होता है। इतना ही नहीं, जिले के किसी भी प्रमुख स्थानों पर सिग्नल तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को ही ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। यातायात निरीक्षक का मानना है कि यदि सिग्नल की व्यवस्था प्रमुख चौराहों व भीड़भाड़ वाले इलाकों में करा दी जाए तो जाम जैसी समस्या से निजात मिल सकती है। इसके अलावा जिले में कहीं भी वाहन पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है। यातायात निरीक्षक रवींद्र त्रिपाठी ने बताया कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए पुलिस अधीक्षक समेत अन्य विभागीय जिम्मेदारों को पत्र भेजा गया है। वहीं, एआरटीओ विभाग में भी उप संभागीय अधिकारी प्रशासन के भरोसे सारी व्यवस्थाएं हैं। जबकि एआरटीओ प्रवर्तन की तैनाती अब तक नहीं की गई है। कर्मचारी भी काफी कम संख्या में है। शासन से इस कमी को पूरा करने के लिए पत्र व्यवहार एआरटीओ शंकरजी सिंह द्वारा किया गया है। साथ ही जनपद में ओसा, भरसवां, कुम्हियावां, टेंवा समेत दर्जन भर से अधिक ऐसे नए स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां ब्रेकर के अलावा संकेतक बोर्ड की जरूरत है। इसका भी प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी विभाग के अलावा एनएचएआइ से पत्र व्यवहार किया गया है। वर्जन..
जनपद के तमाम ऐसे नए स्थान हैं, जहां संकेतक बोर्ड व ब्रेकर आदि की जरूरत है। इसके लिए संबंधित विभाग से पत्र व्यवहार किया गया है। संसाधनों में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए भी शासन को पत्र लिखा गया है।
-शंकरजी सिंह, एआरटीओ।