जिले में दम तोड़ता नजर आ रहा सूचना का अधिकार अधिनियम

भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हथियार बना सूचना का अधिकार अधिनियम जनपद में दम तोड़ता नजर आ रहा है। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचनाओं में अपनी गर्दन फंसती देख जिम्मेदार अधिकारी सूचना देने में आनाकानी कर रहे है। सूचना देने से बचने के लिए कुछ अधिकारियों ने एक नायाब तरीका निकाला है।आवेदन कर्ताओं से सूचना देने के नाम पर भारी भरकम धनराशि की मांगी जा रही है। आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत राज्य सूचना आयोग समेत उच्चाधिकारियों से की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:27 PM (IST)
जिले में दम तोड़ता नजर आ रहा सूचना का अधिकार अधिनियम
जिले में दम तोड़ता नजर आ रहा सूचना का अधिकार अधिनियम

संसू, अर्का : भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हथियार बना सूचना का अधिकार अधिनियम जनपद में दम तोड़ता नजर आ रहा है। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचनाओं में अपनी गर्दन फंसती देख जिम्मेदार अधिकारी सूचना देने में आनाकानी कर रहे है। सूचना देने से बचने के लिए कुछ अधिकारियों ने एक नायाब तरीका निकाला है।आवेदन कर्ताओं से सूचना देने के नाम पर भारी भरकम धनराशि की मांगी जा रही है। आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत राज्य सूचना आयोग समेत उच्चाधिकारियों से की है।

नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और वास्तविक अर्थों में हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम देश में लागू किया गया है। यह कानून नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने और भष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक बड़ा कदम है, लेकिन जनपद में ये कानून पूरी तरह से दम तोड़ता नजर आ रहा है। अपनी गर्दन फंसती देख अधिकारी मांगी गई सूचना देने में आनाकानी कर रहे है। सूचनाएं आवेदकों को न देनी पड़े इसके लिए सूचना देने के लिए हजारों रुपये की मांग की जा रही है। केस - 1

विकास खंड कौशांबी के म्योहर गांव निवासी अविनाश पांडेय ने खंड विकास अधिकारी कौशांबी से अपने गांव में वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2021 कराए गए विकास कार्यो का ब्यौरा व खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी है, जिसमें हैंडपंप रिबोर, निकाले गए टेंडरों, शौचालय निर्माण समेत छह बिदुओं की सूचना शामिल है। गर्दन फसती देख वर्तमान म्योहर ग्राम विकास अधिकारी ने बिना कोई विवरण दिए सूचना देने के नाम पर आवेदनकर्ता से 23 हजार 650 रुपये की मांग किया है। केश 2

कौशांबी ब्लाक के बेलहना सोधिया गांव निवासी शंभूनाथ त्रिपाठी ने जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी से सूचना मांगी है। युवा कल्याण अधिकारी ने उन्हें पत्र जारी कर 6 बिदुओं की सूचना देने के लिए 10 हजार रुपये की मांग किया है। शंभूनाथ ने इसकी शिकायत अपर जिलाधिकारी से किया। एडीएम के दखल के बाद उन्हें युवा कल्याण अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध कराई गई। केस 3

सरसवां विकास खंड क्षेत्र के डहरई पश्चिमशरीरा निवासी रामदयाल ने जिला युवाकल्याण अधिकारी से

बगैर प्रशिक्षण ड्यूटी कर रहे पीआरडी जवान लवलेश ,महेंद्र प्रजापति, रामदास प्रशिक्षण के बारे सूचना अधिकार अधनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी। सूचना देने के लिए डीओ पीआरडी ने उससे दो हजार रुपये की मांग किया था। रामदयाल ने जब बताए खाते में मांगी धनराशि जमा करने के बाद उपनिदेशक से शिकायत किया था। उपनिदेशक की दखल के बाद डी ओ पीआरडी ने उसे चेक के माध्यम से 1960 रुपये वापस किया गया था।

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