एक सचिव को कई गांव की जिम्मेदारी, प्रभावित हो रहा कार्य

ग्राम पंचायतों के विकास में सचिवों की अहम भूमिका होती है लेकिन जिले में सचिवों की संख्या काफी कम है। इसकी वजह आधा दर्जन से अधिक गांव की जिम्मेदारी एक ही सचिव को सौंपी गई है। अधिक गांवों को चार्ज होने की वजह से ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों की व्यस्तता अधिक हैं। इससे गांवों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही ग्रामीणों को मृत्यु व निवास प्रमाण पत्र बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 11:25 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 11:25 PM (IST)
एक सचिव को कई गांव की जिम्मेदारी, प्रभावित हो रहा कार्य
एक सचिव को कई गांव की जिम्मेदारी, प्रभावित हो रहा कार्य

कौशांबी : ग्राम पंचायतों के विकास में सचिवों की अहम भूमिका होती है, लेकिन जिले में सचिवों की संख्या काफी कम है। इसकी वजह आधा दर्जन से अधिक गांव की जिम्मेदारी एक ही सचिव को सौंपी गई है। अधिक गांवों को चार्ज होने की वजह से ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों की व्यस्तता अधिक हैं। इससे गांवों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही ग्रामीणों को मृत्यु व निवास प्रमाण पत्र बनवाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जनपद में 451 ग्राम पंचायतें हैं। सचिवों की संख्या कम होने की वजह से इस गांवों में विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी 118 सचिवों को दी गई है। स्थिति यह है कि किसी सचिव को आठ से 10 गांवों का भार सौंपा गया है। अधिक गांवों का चार्ज होने की वजह से व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि उनका पूरा समय कागजों का कोरम पूरा करने व ब्लाक में व्यतीत हो जाता है। गांव में बहुत कम जाना होता है। इसकी वजह से गांवों होने वाले विकास कार्यों की देखरेख मेठ के भरोसे रह गई है। सचिवों के गांव न पहुंचने से ग्रामीणों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विकास खंड कौशांबी क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोसम इनाम गांव निवासी विनोद कुमार, बिदांव गांव निवासी अमर सिंह का कहना है कि परिवार रजिस्टर के के लिए दो माह पूर्व आवेदन किया था, लेकिन नकल नहीं मिली है। ग्राम पंचायत कोसम इनाम गांव निवासिनी शिवपति की मौत तीन माह पूर्व हो गई थी। मृतका का पोता फूलचंद्र ने बताया कि कई बार जाने के बाद भी सचिव ने ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जारी किया। इससे बैंक संबंधित कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में जिला पंचायतीराज अधिकारी का कहना है कि पद सृजन के सापेक्ष सचिवों की तैनाती नहीं की गई है। इसी वजह से एक सचिव को पांच से छह गांव का चार्ज दिया गया है। यदि किसी की समस्या हो वह शिकायत करें। उसका निस्तारण किया जाएगा।

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