हजरत मोहम्मद साहब की याद में निकाला गया जुलूस, अदा की गई जोहर की नमाज
हजरत मोहम्मद साहब की याद में निकाला गया जुलूस अदा की गई जोहर की नमाज
कौशांबी। जिला मुख्यालय मंझनपुर समेत प्रमुख बाजारों व ग्रामीण क्षेत्र में जुलूस ए मोहम्मदी पूरी शानो शौकत के साथ निकाला गया। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। नगर पालिका मंझनपुर व करारी में जोहर की नमाज के बाद जुलूस निकाला गया। पवित्र क़ुरआन पढ़ी गई। जुलूस कदीमी रास्ते से होता हुआ करारी के आजाद नगर तिराहे पर आकर थोड़ी देर के लिए रुका। इसी स्थान पर तुर्तीपुर, उखैया खास, मोलानी अगयौना, आदि गांवों से जुलूस लेकर लोग शामिल हुए। मौलाना मेराज अहमद ने जुलूस में शामिल लोगों को तकरीर करते हुए बताया कि पैगम्बर इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश से पूर्व पूरे संसार में भय और आतंक का माहौल था। लड़कियों को उनके बाप जिदा दफन कर देते थे। पूरी मानवता सिसक रही थी। तब अल्लाह ने अपने प्यारे रसूल को इस धरती पर भेजा और उन्होंने •ामीन पर इंसाफ किया। जुलूस वहां से आगे बढ़ा और चमनगंज, सोनारन टोला मोड़ पर रुका। वहां पर मुफ्ती हबीबुल्लाह ने कहा कि हम लोग अमन और शांति के पैगंबर (दूत) की आमद की खुशी मना रहे हैं। ऐसे में हमारी •िाम्मेदारी है कि हमारे अमल से किसी को कोई तकलीफ न हो। जुलूस के दौरान लोग पैगंबर की शान में कसीदे नात पढ़ा। तकबीर अल्लाहुअकबर नार ए रिसालत या रसूल अल्लाह, जुलूस ए मोहम्मदी, जिदाबाद आदि जैसे नारे भी लगे। जुलूस में हाजी मोहम्मद इमरान प्रधानाचार्य, मेहताब उर्फ मुन्ना, खुर्शीद, शहंशाह, मुख्तार सभासद, सईद पूर्व सभासद, इमरान सभासद, सैयद अली प्रधान, इम्तियाज सभासद, सैयद मोहम्मद रिजवान, शहजाद आलम सानी खान, निसार खान, सईद उद्दीन टेलर, पप्पू , गुलाम सरवर, सलमान, मास्टर खुर्शीद आदि मौजूद रहे।बारावफात पर मनौरी में निकला जुलूस, मांगी अमन चैन की दुआ मोहम्मद के दुनिया में आने की जश्न-ए ईद
पैगम्बर हजरत मोहम्मद के दुनिया में आने का जश्न-ए ईद मिलादुन्नबी मंगलवार को मनौरी गांव में धूमधाम से मनाया गया। ईद मिलादुन्नबी के जुलूस को जिसने भी देखा, उसका सिर फख से उठ गया और जुबान पर सिर्फ एक ही बात आई, ये है हमारा प्यारा देश।
मनौरी गांव की बड़ी मस्जिद से जब ये जुलूस निकला, तो इस जुलूस में तिरंगा शान से लहराता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान नारा ए तकबीर और नारा ए रिसालत के साथ-साथ हिन्दुस्तान जिदाबाद की आवाज भी फिजाओं में गूंज रही थी। जुलूस गुलामाने मुस्तफा नौजवान कमेटी की तरफ से निकाला गया। जुलूस में पैगंबर हजरत मुहम्मद के जन्म दिन के अवसर पर मुसलमानों का जोशीला अंदाज दिखाई दिया। जुलूस में नारा ए तकबीर अल्लाहो अकबर, नारा ए रिसालत या रसूल अल्लाह और हिन्दुस्तान जिदाबाद की आवाज फिजाओं में गूज रही थी। अपनी तकरीर में मौलाना ने पढ़ा कि इस दिन 570 ईसवी में पैगंबर हजरत मुहम्मद का मक्का में जन्म हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को उनका जन्मदिन मनाया जाता है। यह दिन पैगंबर मुहम्मद और उनके उपेदेशों को पूरी तरह समर्पित होता है। इस मौके पर मोहम्मद कैफ, नियाज अहमद, अफसार अहमद, गुलाब बाबू, गौहर अली, मोहम्मद सुल्तान, अली अब्बास, नब्बन अली, मोहम्मद जाहिद, अजमत अली, शकील अहमद, शमशाद अहमद, तौफीक अहमद, इरफान अहमद, वकील अहमद, सद्दाम, शमशेर, जावेद अहमद, अमजद, तालिब और मोहम्मद युनूस आदि मौजूद रहे।
इसी प्रकार चायल कस्बे में भी मदरसा कादरिया रिजविया से जुलूस ए मोहम्मदी बरामद हुआ। जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होता हुआ मदरसे में जाकर समाप्त हुआ। जुलूस हाफिज आरिफ के नेतृत्व में बरामद हुआ। कसेंदा में भी जुलूस ए मोहम्मदी बरामद हुआ। जुलूस में भाईचारे का पैगाम
ईद-उल-मिलादुन्नबी का पर्व पिडरा सहित कई गांवों में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर लोगों ने जगह-जगह जुलूस निकालकर भाईचारे का पैगाम दिया। ईद-उल-मिलादुन्नबी (बारावफात) पर्व को लेकर कौमी लोगों में पखवारे भर से तैयारी चल रही थी। इस दिन को कौमी लोग हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं। मंगलवार को पर्व के मौके पर पिडरा व रानीपुर में जुलूस निकाला गया। जुलूस के माध्यम से लोगों को आपसी भाईचारे व सौहार्द का संदेश दिया गया। पैगम्बर मोहम्मद के प्रति समर्पित दिखे। नुरानी मस्जिद से पूरे गांव में घुमाया गया। कर्बला होते हुए बड़ा इमामबाड़ा में समाप्त हुआ।जुनैल आफरीन ने मोहम्मद साहब के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। जुलूस में हाफिज अब्दुल, सलाम हाफिज, अनवरुल, मोहम्मद असद, खुर्शीद, मोहम्मद सफीक, अहमद फुरहान, फैजान वारिस इरफान आदि लोग मौजूद रहे।