गोशाला में बांधे जा रहे निजी मवेशी, खेतों में बेसहारा गोवंश
विकास खंड नेवादा के उमरवल गांव में बने सरकारी गोशाला में निजी मवेशी बांधे जाते हैं। जबकि गांव समेत क्षेत्र में दर्जनों मवेशी किसानों की खून पसीने से सींची खेती नष्ट कर रहे हैं। किसान रात दिन खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत सचिव समेत खंड विकास अधिकारी से किया लेकिन गौशाला की इस हालत की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।
संसू, कसेंदा : विकास खंड नेवादा के उमरवल गांव में बने सरकारी गोशाला में निजी मवेशी बांधे जाते हैं। जबकि गांव समेत क्षेत्र में दर्जनों मवेशी किसानों की खून पसीने से सींची खेती नष्ट कर रहे हैं। किसान रात दिन खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत सचिव समेत खंड विकास अधिकारी से किया, लेकिन गौशाला की इस हालत की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।
बेसहारा मवेशियों को संरक्षण और किसानों की खेती बेसहारा मवेशी नष्ट कर नुकसान न पहुंचाएं। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गोशालाएं बनाई गई है। इसमें मवेशियों के रख रखाव और चारा पानी पर प्रति माह लाखों रुपये खर्च भी किया जा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते मवेशी भी सड़क व खेतों में दिख रहे हैं वह हादसे समेत अन्य घटनाओं में बेमौत मर रहे हैं। सरकार किसानों की आय दोगुना करना चाहती है, लेकिन यह मवेशी किसानों के दुष्मन बने हैं। विकास खंड नेवादा के उमरवल गांव के सूबेदार, अनिल कुमार, भीसम आदि के मुताबिक गांव में बने सरकारी गोशाला को कुछ लोग अपनी निजी प्रयोग में ले रहे हैँ। वह यहां भैंस और बकरियां बांधते हैं। सरकारी धन से लाखों रुपये के खर्च से बना गोशाला में एक चरही बनी हुई है। उसके ऊपर टीन शेड बना है। गौशाला में महज छह बेसहारा मवेशी हैं। उनके लिए भी ठंड के बचाव के लिए तिरपाल और बाउंड्री नहीं है। जबकि दो दर्जन से अधिक मवेशी खेतों में घूम रहे हैं। जो खेत को नष्ट कर रहे हैं। किसानों ने सचिव समेत खंड विकास अधिकारी से शिकायत किया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है। नतीजतन खेतों से फसले रातोरात चट हो जा रहे हैं। ---------
दर्जनों की संख्या में बेसहारा मवेशी खेती चट कर रहे हैं, लेकिन गांव में बना गोशाला में निजी मवेशी बांधे जाते हैं। प्रधान और सचिव भी कुछ नहीं कर रहे हैं। खून पसीने से तैयार खेती किसानों को बचाना मुश्किल हो रहा है।
- सूबेदार
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रात दिन खेतों की रखवाली करने के बाद भी फसल नहीं बचती है। दर्जनों की संख्या में घूम रहे मवेशी पलक झपकते ही चट कर जाते हैं। गोशाला में बेसहारा मवेशियों को डालने के रुपये मांगे जाते हैं। - अनिल
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सरकारी गोशाला में ग्राम प्रधान के करीबी निजी भैंस व बकरियां बांधते हैं। जबकि दो दर्जन से अधिक मवेशियों का झुंड किसानों की खेती नष्ट कर रहे हैं। खेती से लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है। - अंकित
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खेतों में बेसहारा घूम रहे मवेशी खेती चट कर रहे हैं। इन दिनों लगी आलू, मटर की खेती नष्ट कर रहे हैं। यदि ऐसे ही किसानों की गेहूं की फसलें चट हुई तो खाने के लाले पड़ेंगे । - रामलौटन विकास खंड नेवादा के उमरवल गांव में बनाई गई गोशाला में निजी मवेशी बांधे जा रहे है। इसकी जानकारी नहीं थी। यदि ऐसा है तो पूरे प्रकरण की जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
डा. बीपी पाठक, सीवीओ