प्रमोद हत्याकांड : आक्रोशित स्वजनों ने किया रास्ताजाम का प्रयास
कौशांबी थाना क्षेत्र के सिघवल का मजरा अरखा गांव में प्रमोद की हत्या के बाद कातिलों की तलाश में जुटी पुलिस ने उसके बड़े पिता को भी पकड़ लिया और थाने लेकर आ गए। इससे नाराज स्वजनों ने हंगामा करते हुए अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया और गांव के बाहर शव रखकर रास्ता जाम का प्रयास किया। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर हेमराज सरोज ने उन्हें समझाया और युवक को छोड़ा तब जाकर रविवार की दोपहर स्वजनों ने अंतिम संस्कार किया।
कौशांबी : कौशांबी थाना क्षेत्र के सिघवल का मजरा अरखा गांव में प्रमोद की हत्या के बाद कातिलों की तलाश में जुटी पुलिस ने उसके बड़े पिता को भी पकड़ लिया और थाने लेकर आ गए। इससे नाराज स्वजनों ने हंगामा करते हुए अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया और गांव के बाहर शव रखकर रास्ता जाम का प्रयास किया। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर हेमराज सरोज ने उन्हें समझाया और युवक को छोड़ा, तब जाकर रविवार की दोपहर स्वजनों ने अंतिम संस्कार किया।
अरखा निवासी सत्यदेव उर्फ बब्बू के बेटे प्रमोद पांडेय की गांव के बाहर ददेरे भाई सोनू के नलकूप पर सोते समय शुक्रवार की रात अज्ञात कातिलों ने हत्या कर दी थी। शनिवार की सुबह जानकारी होने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन व सीओ मंझनपुर कृष्ण गोपाल सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। कुछ देर बाद फील्ड यूनिट टीम के साथ अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर भी पहुंच गए। घटनास्थल पर पुलिस को हत्या में प्रयुक्त फावड़ा व ईंट मिला। इतना ही नहीं, बिस्तर के बगल शराब की बोतल व चार गिलास भी मिले। इससे अंदाजा लगाया गया कि कातिलों की संख्या कम से कम तीन से चार रही होगी। शराब पीने व पिलाने के बाद कत्ल किया गया होगा। पिता ने पहले गांव के ही केशन पाल व ग्राम प्रधान अयोध्या प्रसाद पर हत्या की आशंका जाहिर किया और अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही। जब पता चला कि दोनों फरार हैं तो उन्हें मुकदमें में नामजद करने की बात कही। इस पर पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया। हालांकि बाद में पता चला कि वह मैहर शहर मां शारदा देवी के दर्शन के लिए गए थे। घटना की जानकारी होने पर लौट आए हैं तो पुलिस ने उनसे पूछताछ की। इतना ही नहीं, गांव के कई संदिग्धों से पूछताछ के अलावा मृतक के बड़े पिता सोनू को भी पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले आई। वहीं पोस्टमार्टम कराकर घर लौटे परिवार वालों को जानकारी हुई तो रविवार की सुबह उन्होंने शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार करते हुए रास्ता जाम का प्रयास किया। जानकारी होने पर इंस्पेक्टर फोर्स के साथ पहुंचे। स्वजनों की मांग पर सोनू को छोड़ा गया, तब जाकर स्वजनों ने अंतिम संस्कार किया।