सचवारा में अव्यवस्थाओं की भरमार, पात्र होने के बाद भी नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ

कौशांबी ब्लाक का सचवारा गांव एक बड़ी आबादी वाल गांव है। यहां पर अव्यवस्थाओं की भरमार है। जो संसाधन एक बार बने या लगे। उनकी ओर दोबारा किसी ने नहीं देखा। आलम यह है कि सड़क नाली खड़ंजा व अन्य जन उपयोग के भवन जर्जर हो चुके हैं। ग्रामीणों ने जिम्मदारों को बताया भी लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। यहां का सार्वजनिक भवन तो उपयोग के लायक ही नहीं बचा। अन्य सुविधाओं के लिए भी पात्र भटक रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:27 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:27 PM (IST)
सचवारा में अव्यवस्थाओं की भरमार, पात्र होने के बाद भी नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ
सचवारा में अव्यवस्थाओं की भरमार, पात्र होने के बाद भी नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ

कौशांबी। कौशांबी ब्लाक का सचवारा गांव एक बड़ी आबादी वाल गांव है। यहां पर अव्यवस्थाओं की भरमार है। जो संसाधन एक बार बने या लगे। उनकी ओर दोबारा किसी ने नहीं देखा। आलम यह है कि सड़क, नाली, खड़ंजा व अन्य जन उपयोग के भवन जर्जर हो चुके हैं। ग्रामीणों ने जिम्मदारों को बताया भी लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। यहां का सार्वजनिक भवन तो उपयोग के लायक ही नहीं बचा। अन्य सुविधाओं के लिए भी पात्र भटक रहे हैं।

सचवारा गांव में अपने साप्ताहिक अभियान जागरण आप के द्वार के लिए रविवार की दोपहर करीब दो बजे दैनिक जागरण की टीम गांव पहुंची तो वहां अव्यवस्था देखने को मिली। गांव के नत्थू खेत से घर की ओर जा रहे थे। टीम को देखते ही वह रुक गए। पूछने पर बताया कि सचवारा चौराहे पर सड़क के किनारे जल निकासी के लिये बरसात में नाला खोद दिया गया। आज तक इसे बनाया नहीं गया। पूछने पर पता चला कि बजट ही नहीं है। यदि बजट नहीं था तो इससे खोदने के लिए बजट कहां से मिला। नाला न बनने से स्थानीय दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। इनकी ओर कोई आने के लिए तैयार नहीं है। इसी प्रकार संदीप पांडेय, फूलचंद, बसंत आदि ग्रामीणों ने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से गांव की आधी गलियों में पानी भरा रहता है। इससे काफी दिक्कत होती है।

गांव के रवि, अरुण पाल, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि गांव में बहुत से अपात्र लोग आवास, पेंशन, किसान सम्मान निधि के लाभ को पाने के लिए परेशान हैं। बहुत से पात्र लाभार्थी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विकासखंड से लेकर मंझनपुर स्थित कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। इनकी कोई सुनने वाला नहीं है। सचवारा गांव की टाप-10 समस्या

जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से जलभराव

बिजली के जर्जर व ढीला तार

10 वर्षों से खराब सरकारी नलकूप

स्कूलों में कायाकल्प के नाम पर करोड़ों खर्च फिर भी बदहाली

सचवारा में बना टीकाकरण केंद्र बदहाल

पेंशन, राशनकार्ड के लिए भटक रहे लोग

पात्र होने के बावजूद आवास सूची से गायब पात्रों का नाम

गलियों में फैली गंदगी की समस्या

किसान सम्मान निधि लिए भटकते ग्रामीण

सहकारी समिति से डीएपी गायब रहने से परेशान किसान

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