नैपकिन बनाने के लिए लगेगा प्लांट, आत्मनिर्भर होगी महिलाएं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत समूहों का गठन कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाई गई हैं। कौशांबी खंड कौशांबी में नैपकिन (पैड) बनाने के लिए लगेगा प्लांट लगाया जाएगा। इसके बाद पैड बनाने व बेंचने में के लिए लगभग समूह की दो हजार महिलाओं को लगाया जाएगा। फिर उन्हें रोजगार मिलेगा और वह आत्मनिर्भर भी होंगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:43 PM (IST)
नैपकिन बनाने के लिए लगेगा प्लांट, आत्मनिर्भर होगी महिलाएं
नैपकिन बनाने के लिए लगेगा प्लांट, आत्मनिर्भर होगी महिलाएं

कौशांबी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत समूहों का गठन कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाई गई हैं। कौशांबी खंड कौशांबी में नैपकिन (पैड) बनाने के लिए लगेगा प्लांट लगाया जाएगा। इसके बाद पैड बनाने व बेंचने में के लिए लगभग समूह की दो हजार महिलाओं को लगाया जाएगा। फिर उन्हें रोजगार मिलेगा और वह आत्मनिर्भर भी होंगी।

किशोरियों व महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने होते हैं। इन दौरान उन्हें नैपकिन (पैड) की जरूरत होती है। दिन प्रतिदिन नैपकिन (पैड) की मांग भी बढ़ रही है। एनआरएलएम के उपायुक्त बलिराम वर्मा ने बताया कि समूह की अधिक से अधिक महिलाएं स्वरोजगार से जुड़े। इसके मद्देनजर एआरएलएम से कौशांबी में नैपकिन (पैड) बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है। कार्य शुरू होने के बाद जिले की लगभग दो हजार महिलाएं को रोजगार मिलेगा। कुछ महिलाएं पैड बनाने व कुछ बिक्री करेंगी। इससे गांव की महिलाओं को सस्ते दाम पर पैड मिलेगा। साथ ही समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थित में बदलाव भी होगा। समूह से जुड़ चुकी हैं 28 हजार महिलाएं

गांव की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए वर्ष 2011 में सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लागू किया है। तभी से समूहों का गठन कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास शासन स्तर से किया जा रहा है। एनआरएलएम के उपायुक्त बलिराम वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में अब तक 2842 समूहों का गठन किया गया है, जिसमें 28 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। 199 समूह की महिलाएं बेहतर कार्य कर हजारों रुपये प्रति रुपये कमा रही हैं।

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