कसेंदा में सड़क पर जलजमाव से लोग परेशान
प्रधानी खत्म होते ही ग्राम प्रधान व सचिवों की पोल खुलने के साथ प्रशासन की चुनौती भी बढ़ गई है। पांच सालों में हुए गांवों के विकास ने जहां अपना असर दिखाना शुरू किए वहीं प्रशासन की देखरेख में गांव की गलियां बदहाल होना शुरू हो गई हैं। विकास खंड चायल के कसेंदा गांव में इन दिनों मुख्य मार्ग की बदहाली ग्रामीणों के परेशानी का कारण बनी है। रास्ते से निकलने में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी अब तक समस्या का निदान नहीं हुआ।
कसेंदा : प्रधानी खत्म होते ही ग्राम प्रधान व सचिवों की पोल खुलने के साथ प्रशासन की चुनौती भी बढ़ गई है। पांच सालों में हुए गांवों के विकास ने जहां अपना असर दिखाना शुरू किए, वहीं प्रशासन की देखरेख में गांव की गलियां बदहाल होना शुरू हो गई हैं। विकास खंड चायल के कसेंदा गांव में इन दिनों मुख्य मार्ग की बदहाली ग्रामीणों के परेशानी का कारण बनी है। रास्ते से निकलने में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी अब तक समस्या का निदान नहीं हुआ।
कौशांबी प्रयागराज मार्ग पर तहसील व ब्लाक के महज तीन किमी दूर पर बसा विकास खंड चायल का कसेंदा गांव में इन दिनों सड़कों पर जल जमाव की समस्या है। गांव के रूपचंद्र, अमर सिंह, बच्चालाल, फुर्तीलाल, उदय सिंह, भुवन सिंह, शंकर लाल आदि ने बताया की गांव में जब तक प्रधानी थी तब तक सफाईकर्मी साफ सफाई करते थे। 25 दिसंबर से प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया है। प्रधान का कार्यकाल खत्म होने के बाद से सफाईकर्मी ने सफाई बंद कर दी है। जिससे नाली व प्रयागराज कौशांबी मार्ग पर बनी पुलिया जाम हो गई है। गांव के मुख्य मार्ग पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते लोगों को आवागमन में परेशानी झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। एडीओ पंचायत राजकिशोर को गांव के लोगों ने इसकी जानकारी दी है। इसके बाद भी अब तक समस्या का निदान नहीं हुआ। बिलासपुर से काठगांव लिक मार्ग बदहाल, चलना मुश्किल
कसेंदा : विकास खंड चायल के बिलासपुर गांव से इंगुआ उर्फ काठगांव लिक मार्ग पर इन दिनों जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। साथ ही उस पर कीचड़ व दूषित पानी भरा रहता है। इससे सड़क पर चलना दूभर हो गया है। इसकी शिकायत क्षेत्रीय लोगों ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से की। बावजूद इसके कोई सुधार नहीं हुआ। अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीणों में रोष है।
केंद्र और प्रदेश सरकार की मंशा के तहत सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान चलाया गया। इसके लिए सरकारी धन से करोड़ों रुपये खर्च भी किए गए जा चुके हैं। इसके बाद भी कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते चायल क्षेत्र की कई सड़कें इस अभियान से अछूती हैं। विकास खंड चायल के बिलासपुर गांव से इंगुआ उर्फ काठगांव जाने वाला लिक मार्ग बदहाल है। क्षेत्र के सिप्टैन, गुड्डू, दिलदार, तौकीर अहमद ने बताया की दो दशक पूर्व लोगों कि सुविधा के लिए लोकनिर्माण ने लगभग 35 लाख लागत से बिलासपुर से काठगांव तक तीन किमी सड़क बनाई गई थी। जो इन दिनों पूरी तरह से बदहाली है। धारा सिंह व सूरज ने कहा सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं। जिससे लोगों के घरों से निकला दूषित पानी गड्ढे में भरा रहता है। साइकिल व मोटरसाइकिल सवार आए दिन गिर कर चोटिल हो रहे हैं। अवर अभियंता सुरेश कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं था। जल्द ही सड़क का मरम्मत कराया जाएगा।