चायल में सफाई व्यवस्था धड़ाम, फागिग न होने से मच्छरों का प्रकोप

कसेंदा चायल नगर पंचायत में महीनों से फागिग नहीं कराई गई। ऐसे में यहां मच्छरों का प

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 11:13 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 11:13 PM (IST)
चायल में सफाई व्यवस्था धड़ाम, फागिग न होने से मच्छरों का प्रकोप
चायल में सफाई व्यवस्था धड़ाम, फागिग न होने से मच्छरों का प्रकोप

कसेंदा : चायल नगर पंचायत में महीनों से फागिग नहीं कराई गई। ऐसे में यहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। लोग परेशान है। इतना ही नहीं कस्बे की नालियों की सफाई न होने से वह गंदगी से बजबजा रही हैं। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा है। जिससे मच्छरों के साथ अन्य संक्रामक बीमारी फैसले का भय है। जिम्मेदार शिकायत के बाद भी राहत भरा कदम नहीं उठा रहे। जिससे लोगों में मायूसी है। उन्होंने सफाई व फागिग कराए जाने की मांग की है।

नगर पंचायतों का तेजी से विकास करने का सरकार दावा कर रही है, लेकिन नगर पंचायत चायल में मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित है। स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजना सफाई के लिए संचालित हैं, लेकिन यहां सभी योजना धड़ाम है। कस्बे के लोग इन दिनों मच्छरों के प्रकोप से परेशान हो रहे हैं। वार्ड तीन गांधी नगर में जल जमाव की स्थित बनी है। मच्छरों का प्रकोप बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा सताने लगा है। कस्बा निवासी फैजान अहमद, यूसुफ, महबूब, मुन्नू, सुरेंद्र आदि ने बताया की करीब पांच महीने से कस्बे में फागिग नहीं कराई गई। जिससे कई प्रजातियों के मच्छरों के साथ विभिन्न प्रकार के कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। चांदबाबू, गुड्डू, शिवचंद्र, धन्नू व रामलखन साहू ने बताया की साफ सफाई में महज खाना पूर्ति की जा रही है। सही सफाई न होने से नालियां तो बजबजा ही रही हैं। लोगों ने अधिशासी अधिकारी से दवा छिड़काव करने की मांग की, लेकिन अभी तक कस्बा में फागिग नहीं कराई गई है।

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मुख्य मार्ग पर लोगों के घरों से निकला दूषित पानी व बारिश का पानी भरा जाता है। जिससे आने जाने में परेशानी होती है। इसी शिकायत अधिशासी अधिकारी व चेयरमैन से करने के बाद भी समस्या से निजात नहीं मिली।

- छोटा बाबू

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पूरे रास्ते में जलभराव है। घर आने-आने में घुटने तक भरे दूषित पानी से गुजरना पड़ता है। जिससे पैरों में खुजली होने लगती है। इंफेक्शन होने का भी खतरा बना रहता है।

- रबूंदे

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मुख्य मार्ग पर जलजमाव से आवागमन बाधित है। इतना ही नहीं इससे उठ रही दुर्गंध से आसपास रहने वाले लोग परेशान है। मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा। दरवाजा बंद करने के बाद भी घर पर बैठना कठिन होता है।

- वारिस

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रात हो या दिन दरवाजे पर भरे दूषित पानी से होकर गुजरना पड़ता है। किसी वाहन से भी घर तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। कई बार तो जल्दी रास्ते से निकलने के चक्कर में लोग गिर भी जाते हैं।

- सलमान

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