गंगा में छोड़ी गईं सवा लाख मछलियां, कड़ा में रीवर रैंचिग कार्यक्रम में जुटे अफसर व जन प्रतिनिधि

गंगा में मछलियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इतना ही नहीं मछलियों की तमाम प्रजातियां इन दिनों विलुप्त हो रही है। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए मंगलवार को पूरे प्रदेश में अभियान चलाया गया। तीर्थ क्षेत्र कड़ा घाट पर विधायक सिराथू ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों व अन्य लोगों के बीच भव्य कार्यक्रम कर सवा लाख मत्स्य बीज गंगा में छोड़े। यह मछली के बचे नदी के पानी को शुद्ध करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:37 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:37 PM (IST)
गंगा में छोड़ी गईं सवा लाख मछलियां, कड़ा में रीवर रैंचिग कार्यक्रम में जुटे अफसर व जन प्रतिनिधि
गंगा में छोड़ी गईं सवा लाख मछलियां, कड़ा में रीवर रैंचिग कार्यक्रम में जुटे अफसर व जन प्रतिनिधि

कौशांबी। गंगा में मछलियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इतना ही नहीं मछलियों की तमाम प्रजातियां इन दिनों विलुप्त हो रही है। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए मंगलवार को पूरे प्रदेश में अभियान चलाया गया। तीर्थ क्षेत्र कड़ा घाट पर विधायक सिराथू ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों व अन्य लोगों के बीच भव्य कार्यक्रम कर सवा लाख मत्स्य बीज गंगा में छोड़े। यह मछली के बच्चे नदी के पानी को शुद्ध करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मछलियां पानी की शुद्धता को बनाए रखती हैं। कीट पतंगों के साथ ही पानी की गंदगी उनका अहार होती है। लगातार मत्स्य आखेट से इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। इतना ही नहीं कुछ मछलियों की प्रजाति तो विलुप्त हो रही है। इसको बचाने के लिए मंगलवार को रीवर रैंचिग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मत्स्य विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे विधायक सिराथू शीतला प्रसाद ने कहा कि गंगा एक नदी नहीं है। यह भारत की जीवन रेखा है। बिना गंगा के भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी लिए हम इसे मां का दर्जा देते हैं। सरकार ने नदी को सम्मान देने के लिए इसी राष्ट्रीय नदी का दर्जा दिया है। उन्होंने नदी की सुरक्षा व संरक्षण के लिए जलीय जीवों का विशेष महत्व है। जिस प्रकार सरकार हम सब का ध्यान रखती है। इसी तरह नदी का ध्यान रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए नदी में मछलियों की संख्या को बढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा है। इसके बाद उन्होंने नदी की मुख्य धारा में पहुंच कर सवा लाख रोहू, कतला व नैन मत्स्य बीज नदी में प्रवाहित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि नदी की सुरक्षा के लिए लोग जलीय जीवों को बचाने के लिए आगे आई। इस दौरान मत्स्य निदेशक प्रतिनिधि विपिन त्रिपाठी, अपर निदेशक मत्स्य के प्रतिनिधि शेषनाथ पटेल, सहायक निदेशक मत्स्य आरडी प्रजापति, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामप्यारे, मत्स्य विकास अधिकारी सुनील सिंह, कुशल सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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