यूनाइटेड मेडिसिटी को नोटिस, चिल्ड्रेन अस्पताल कर्मी भी दोषी

करेली के निकट करेंहदा गांव के मुकेश मिश्र की तीन वर्षीय बच्ची खुशी की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट बुधवार को दो सदस्यीय टीम ने डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को सौंप दी। जांच टीम ने इस मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी और चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारी को दोषी पाया है। इस मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी को तो सीएमओ अभी सिर्फ नोटिस भेज रहे हैं। जबकि चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारी पर इसकी गाज गिरेगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 10:42 PM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 10:42 PM (IST)
यूनाइटेड मेडिसिटी को नोटिस, चिल्ड्रेन अस्पताल कर्मी भी दोषी
यूनाइटेड मेडिसिटी को नोटिस, चिल्ड्रेन अस्पताल कर्मी भी दोषी

प्रयागराज : करेली के निकट करेंहदा गांव के मुकेश मिश्र की तीन वर्षीय बच्ची खुशी की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट बुधवार को दो सदस्यीय टीम ने डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को सौंप दी। जांच टीम ने इस मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी और चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारी को दोषी पाया है। इस मामले में यूनाइटेड मेडिसिटी को तो सीएमओ अभी सिर्फ नोटिस भेज रहे हैं। जबकि चिल्ड्रेन अस्पताल के कर्मचारी पर इसकी गाज गिरेगी। मासूम खुशी की मौत पांच मार्च को हुई थी। मामला तब तूल पकड़ गया, जब उसके फटे हुए पेट, निकली हुई आंत, तड़पती बच्ची और रोते बिलखते घरवालों का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। उसी रात मामले में डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने सीएमओ डा. प्रभाकर राय और एडीएम सिटी अशोक कनौजिया की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए थे।

जांच अधिकारियों ने बताया कि इलाज में यूनाइटेड मेडिसिटी ने लापरवाही बरती है। भले बच्ची की हालत गंभीर थी लेकिन मानवीयता के नजरिए से डाक्टरों की जिम्मेदारी थी कि वह पीड़ित को सच्चाई बताते लेकिन उन्होंने ऐसा न कर अस्पताल का गेट बंद कर दिया। ऐसे में अब यूनाइटेड मेडिसिटी को सीएमओ नोटिस भेजेंगे कि क्यों न उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाय। सप्ताह भर में जवाब मांगा है। उसका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उधर, जांच अधिकारियों ने चिल्ड्रेन अस्पताल के उस स्वास्थ्यकर्मी को भी दोषी पाया है, जिसकी ड्यूटी के दौरान खुशी को गंभीर हालत में उसके घरवाले बिना बताए लेकर चले गए थे। उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए चिल्ड्रेन अस्पताल के प्रभारी को सीएमओ पत्र लिखेंगे। एनसीपीसीआर को भेजी रिपोर्ट

बच्ची का दर्दनाक वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इसका संज्ञान लिया था। एनसीपीसीआर के रजिस्ट्रार ने मामले की जांच रिपोर्ट तलब करने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। अब जांच रिपोर्ट भेज दिया गया है। यह था मामला

करेंहदा के मुकेश मिश्र ने पेट दर्द पर बेटी खुशी को 15 फरवरी को रावतपुर स्थित निजी मेडिकल कालेज यूनाइटेड मेडिसिटी में भर्ती कराया। 15 फरवरी को आपरेशन हुआ। दो मार्च को दूसरा आपरेशन किया गया। उसकी हालत में सुधार न होने पर तीन मार्च को उसे हायर सेंटर के लिए डिस्चार्ज किया तो घरवाले उसे लेकर चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंचे। वहां पर बताया कि बच्ची का आपरेशन के बाद टांका नहीं लगाया गया, इसलिए उसकी हालत गंभीर हो गई। वहां इलाज से संतुष्ट न होने पर परिवार के लोग चार मार्च को बच्ची को लेकर बिना बताए निजी अस्पताल चले गए, लेकिन वहां भर्ती नहीं किए जाने पर बच्ची को लेकर घर चले गए। हालात गंभीर होने पर पांच मार्च को बच्ची को लेकर फिर यूनाइटेड मेडिसिटी गए। लेकिन भर्ती नहीं किया गया। घरवाले गेट पर चीखते चिल्लाते रहे और बच्ची ने वहीं दम तोड़ दिया। मामले में बच्ची के इलाज में करीब सवा लाख रुपये का बिल बना और करीब 35 हजार रुपये की दवाएं खरीदी गई। पीड़ित ने कहा कि उसने अस्पताल को पैसे दिए लेकिन वह जांच टीम को इसका प्रमाण नहीं दे सके। इसमें यूनाइटेड मेडिसिटी ने कहा कि मुकेश मिश्र ने सिर्फ 6730 रुपये दिए हैं। पीड़ित परिवार के गले नहीं उतर रही जांच रिपोर्ट

दो सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पीड़ित परिवार के गले नहीं उतर रही है। खुशी के पिता मुकेश मिश्रा का कहना है कि जांच किसी दबाव में हुई प्रतीत होती है क्योंकि यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत हुई है तो ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। मुकेश का कहना है कि कौशांबी के पिपरी थाने में तहरीर पुलिस कर्मियों ने अपने मनमाफिक लिखवाकर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया जबकि यह सरासर हत्या का केस बनता है। उनका यह भी दावा है कि यूनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल में उससे जो राशि खर्च कराई गई उसके काफी कागजात उनके पास हैं। यह भी कहा कि यदि इंसाफ नहीं मिला तो वह न्यायालय की शरण लेंगे। काली पट्टी बांध किया विरोध, कैंडल मार्च निकाला--

जासं, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष और सपा नेता अदील हमजा ने मासूम ख़ुशी को न्याय दिलाने के लिए कई लोगों के साथ सिविल लाइंस में हाथ पर काली पट्टी बाध कर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि जल्द ही जिला प्रशासन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो आंदोलन तेज होगा। इस दौरान श्याम त्रिपाठी, इंतेखाब, उपेन्द्र, सुधीर मसूद आदि उपस्थित रहे। वहीं, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह की अगुवाई में यूनाइटेड मेडिसिटी के प्रबंधक की गिरफ्तारी की माग को लेकर सुभाष चौराहे पर कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें खुशी के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए।

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