निश्शुल्क नहीं मिल रहा है इलाज, लौटाएं वेंटिलेटर

कोरोना संक्रमण काल में जहां मरीजों के स्वजन परेशान होते हैं। उनको हर संभाव उपचार दिलाने का प्रयास करते हैं। जिनके लिए रुपये महत्व नहीं रखते उनका उपचार तो यूनाइटेड मिड सिटी जैसे महंगे अस्पताल में तो हो सकता है। गलत हाथ में वेंटिलेटर चले गए हैं और इलाज महंगा है। मरीजों को भर्ती करने के साथ ही अस्पताल 80 हजार से दो लाख तक की धनराशि एडवांस जमा कराता है। गरीब परिवार के लोग तो यहां पहुंचने की हिम्मत ही नहीं जुटा सकते।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 11:07 PM (IST)
निश्शुल्क नहीं मिल रहा है इलाज, लौटाएं वेंटिलेटर
निश्शुल्क नहीं मिल रहा है इलाज, लौटाएं वेंटिलेटर

जागरण संवाददाता, कौशांबी : कोरोना संक्रमण काल में जहां मरीजों के स्वजन परेशान होते हैं। उनको हर संभाव उपचार दिलाने का प्रयास करते हैं। जिनके लिए रुपये महत्व नहीं रखते उनका उपचार तो यूनाइटेड मिड सिटी जैसे महंगे अस्पताल में तो हो सकता है। गलत हाथ में वेंटिलेटर चले गए हैं और इलाज महंगा है। मरीजों को भर्ती करने के साथ ही अस्पताल 80 हजार से दो लाख तक की धनराशि एडवांस जमा कराता है। गरीब परिवार के लोग तो यहां पहुंचने की हिम्मत ही नहीं जुटा सकते।

कौशांबी को मिले 15 वेंटिलेटर 16 अप्रैल को महानिदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देश पर सीएमओ ने प्रयागराज के निजी अस्पताल यूनाइटेड मिड सिटी को दे दिए। कांग्रेस नेता आशीष कुमार पप्पू मिश्रा व वेद पांडेय ने इस मुद्दे को लेकर अभियान शुरू किया। धीरे-धीरे यह जन आंदोलन में बदल गया। सांसद, विधायक समेत अन्य जन प्रतिनिधियों ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए वेंटिलेटर जरूरी बताए। इसे वापस लाने के लिए पहल करने की बात कही, वहीं अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इस मामले में प्रयागराज सीएमओ डाक्टर प्रभाकर राय कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही वेंटिलेटर महैया कराए गए हैं।

एक मरीज का दर्द : फतेहपुर के धाता निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह की कोरोना (एनटीजेंट रिपोर्ट) पॉजिटिव आई थी। फिलहाल कोरोना पर विजय पाई और परिवार के साथ प्रयागराज में हैं। यूनाइटेड मिड सिटी का नाम लेते ही उनके पहले शब्द थे कि यह महंगा अस्पताल है। छह अप्रैल की रात 10 बजे भर्ती हुए। सात अप्रैल की भोर करीब साढे तीन बजे दवा मिली। रात 12 बजे नर्स को इंजेक्शन लगाने के लिए नस ही नहीं मिली। दूसरे दिन रेडमेसिविर और कई इंजेक्शन दिए गए। बुलाने के लिए कई बार आवाज लगानी पड़ी। 80 हजार एडवांस लेकर भर्ती किया गया। रिपोर्ट निगेटिव आने पर डिस्चार्ज होने के लिए विवाद करना पड़ा। जरनल वार्ड में एक दिन का चार्ज करीब 10 हजार प्रतिदिन के अनुसार बनाया गया। कौशांबी के लोगों को गुमराह कर रहे सीएमओ

जासं, कौशांबी : कौशांबी सीएमओ डा. पीएन चतुर्वेदी ने साफ कहा कि शासन के निर्देश पर प्रयागराज सीएमओ को वेंटिलेटर सौंपे हैं। दैनिक जागरण को वह पत्र मिला है। जिसके आधार पर कौशांबी के वेंटिलेटर यूनाइटेड मिडसिटी को भेजे गए हैं। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं का यह पत्र कौशांबी सीएमओ को संबोधित है। कौशांबी सीएमओ को वेंटिलेटर के संबंध में कोई जानकारी न होने की बात धोखा है। स्वास्थ्य विभाग जानकारी भ्रमक दे रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि वेंटिलेटर को लेकर फार्मेल्टी की जा रही है।

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