पुलिस आफिस में नवनिर्मित कैंटीन बनी शोपीस
जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित एसपी आफिस परिसर में लाखों की लागत से बनी कैंटीन शोपीस बनकर रह गई है। शुरुआत में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने प्राइवेट व्यक्ति को बिना किसी के दुकान दे दिया था लेकिन उसके चले जाने के बाद अब तक आवंटन नहीं किया गया। यही नहीं लाखों रुपये से निर्मित इस भवन की लागत भी सवालों के कटघरे में है।
जासं, कौशांबी : जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित एसपी आफिस परिसर में लाखों की लागत से बनी कैंटीन शोपीस बनकर रह गई है। शुरुआत में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने प्राइवेट व्यक्ति को बिना किसी के दुकान दे दिया था, लेकिन उसके चले जाने के बाद अब तक आवंटन नहीं किया गया। यही नहीं, लाखों रुपये से निर्मित इस भवन की लागत भी सवालों के कटघरे में है।
पुलिस आफिस में तैनात कर्मियों व शिकायती पत्र लेकर आने वाले फरियादियों को नाश्ता-चाय की सुविधा के लिए डेढ़ साल पहले तत्कालीन एसपी अभिनंदन ने कार्यालय परिसर में ही कैंटीन बनाए जाने के निर्देश दिए थे। इस बीच प्रतिसार निरीक्षक की देखरेख में क्राइम ब्रांच के नवनिर्मित भवन के बगल एक कमरे का कैंटीन बनवाया गया। इसकी कीमत करीब पांच लाख रुपये थे। 10 फिट चौड़ा व करीब 15 फिट लंबे में शटरदार कमरे की कीमत को ही लेकर लोगों ने लागत को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। बहरहाल भवन बनने के बाद कार्यालय परिसर के बाहर चाय की दुकान चलाने वाले एक प्राइवेट व्यक्ति को वह भवन देते हुए चाय-नाश्ता की दुकान खुलवाई गई। फायदा न होने पर कुछ माह बाद ही दुकानदार ने उसे बंद कर दिया और अपने स्थान पर वापस दुकान खोल ली। तब से लेकर आज तक यहां कैंटीन नहीं खोली गई। इतना ही नहीं, इसके लिए विभाग की ओर से कोई टेंडर भी नहीं निकाला गया। ऐसे में लाखों का भवन शोपीस बना हुआ है। मेरे कार्यकाल में कोई कैंटीन के लिए भवन नहीं बनवाया गया। इसके पहले बना होगा या फिर किस कारण से बंद हुआ, यह संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में डालकर इसका टेंडर कराया जाएगा, या फिर किसी अन्य कार्य में भवन का प्रयोग कराया जाएगा।
- समर बहादुर, अपर पुलिस अधीक्षक।