जश्न ए अबू तालिब में उमड़ा अकीदतमंदों का जन सैलाब, पूरी रात चला तरही शेरो शायरी का दौर

नगर पंचायत करारी के वार्ड गड़हीपर स्थित अल्लामा जवादी रोड मैदान में ऐतिहासिक जश्ने अबू तालिब का आयोजन किया गया। इसमें गैर मुकामी शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश कर वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम शनिवार की रात आठ बजे शुरू हो कर देर रात तक चला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:13 PM (IST)
जश्न ए अबू तालिब में उमड़ा अकीदतमंदों का जन सैलाब, पूरी रात चला तरही शेरो शायरी का दौर
जश्न ए अबू तालिब में उमड़ा अकीदतमंदों का जन सैलाब, पूरी रात चला तरही शेरो शायरी का दौर

कौशांबी। नगर पंचायत करारी के वार्ड गड़हीपर स्थित अल्लामा जवादी रोड मैदान में ऐतिहासिक जश्ने अबू तालिब का आयोजन किया गया। इसमें गैर मुकामी शायरों ने बेहतरीन कलाम पेश कर वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम शनिवार की रात आठ बजे शुरू हो कर देर रात तक चला।

शनिवार की रात करारी कस्बा में अंजुमने महदिया के तत्वावधान में आयोजित जश्न ए अबू तालिब का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन की तेलावत से आबिद हुसैन ने किया। इसके बाद शुरू हुआ तरही शेरो शायरी का दौर। महफिल में नसीराबाद से आये जफर ने अपने बेहतरीन अंदाज में कलाम पेश किया तो अकीदतमंद नारा लगाने लगे। उन्होंने पढ़ा- खालिक ने जुल्फेकार दी लड़ने के वास्ते, हाथों को दस्ते खालिके अकबर बना दिया। इसके बाद काशी की धरती से एरम ने जब यह शेर पढ़ा तो अकीदतमंद झूमने लगे। उन्होंने पढ़ा-इमरान तूने एक को हैदर बना दिया, पाला तो दूसरे को पयम्बर बना दिया। इफहाम उतरौलवी ने भी अच्छे-अच्छे शेर सुना कर महफिल में चार चांद लगा दिया। संचालन कर रहे जाहिद काजमी ने भी उम्दा कलाम पढ़ा- नींद उड़ गई यजीद की आबिद को देखकर, करबो बला के बाद भी खतरा नहीं गया। अंत में मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने त़करीर करते हुए जनाबे अबू तालिब की जीवनी पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि हु•ाूर ए अकरम के चचा जनाबे अबू तालिब ने अपने बेटों की जिदगी मोहम्मद साहब को सुरक्षित रखने के लिए लगा दी थी। जब तक जनाबे अबू तालिब जिदा रहे किसी में इतनी हिम्मत न हुई कि वह मोहम्मद साहब को सता सके लेकिन आपकी वफात के बाद मक्का के लोगों ने काफी परेशान किया। ऐसे हालात में जनाबे अबू तालिब के बेटे हजरत अली ने आपकी मदद की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना जवाद हैदर जवादी ने किया। बतौर मुख्य अतिथि जावेद रिजवी, मौलाना कौसर अब्बास और मौलाना अलमदार हसनैन रिजवी थे। इस मौके पर तूसी रिजवी, अफरोज हैदर, फुरकान रिजवी, आलिम हुसैन, रिजवान बाबा, शजर रिजवी, इमरान हैदर, मोहम्मद नाजिम, फहमी और काफी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।

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