अजुहा में विकास कार्यो में हेराफेरी की जांच शुरू

नगर पंचायत अजुहा में कराए गए विकास कार्यों व कोविड काल में खरीदे गए उपकरणों में जमकर हेराफेरी करने का सभासदों ने आरोप लगाया है। प्रकरण की शिकायत पर जिलाधिकारी से हुई तो उन्होंने मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अगुवाई में तीन सदस्यों की टीम जांच के लिए गठित की गई है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि एक पखवारे के भीतर जांच कर रिपोर्ट दे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:45 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:45 PM (IST)
अजुहा में विकास कार्यो में हेराफेरी की जांच शुरू
अजुहा में विकास कार्यो में हेराफेरी की जांच शुरू

जागरण संवाददाता, कौशांबी : नगर पंचायत अजुहा में कराए गए विकास कार्यों व कोविड काल में खरीदे गए उपकरणों में जमकर हेराफेरी करने का सभासदों ने आरोप लगाया है। प्रकरण की शिकायत पर जिलाधिकारी से हुई तो उन्होंने मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अगुवाई में तीन सदस्यों की टीम जांच के लिए गठित की गई है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि एक पखवारे के भीतर जांच कर रिपोर्ट दे।

नगर पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए शासन की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की वजह से कस्बे के लोगों को आपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे मामला नगर पंचायत अजुहा में सामने आया है। सभासद नीलम वैश्य, सुघर सिंह, ज्ञान सिंह पाल आदि ने जिलाधिकारी सुजीत कुमार से शिकायत की कि 2017-18 में खरीद गई सामग्री की फीडिग जेम पोर्टल में कराई गई हैं। उससे सापेक्ष सामान नगर पंचायत में मौजूद नहीं है। इसका मिलान कराया जाए तो गड़बड़ी का राजफाश हो सकता है। खरीदारी के नाम पर बिल वाउचर लगाकर लाखों की हेराफेरी की गई है। कहा कि नगर पंचायत क्षेत्र में नाली इंटरलाकिग आरसीसी का निर्माण कितने रुपये खर्च हुआ है। उसका विवरण ईओ से मांगा गया था, लेकिन उन्होंने नहीं है। नाली निर्माण में दोयम की ईंट लगाई गई हैं। जिससे बनने के कुछ दिन बाद ही क्षतिग्रस्त हो गई है। नगर पंचायत में आउटसोर्सिंग से सफाई कर्मी, जल कर्मी, विद्युत कर्मी लगाए गए हैं। कई लोग बगैर कार्य के लिए भुगतान ले रहे हैं। कोविड-19 खरीदे गए उपकरणों में भी जमकर हेराफेरी की गई है। इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई लेकिन मामले की जांच कर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सभासदों को शिकायत को गंभीरता से लेने के बाद जिलाधिकारी ने अपर जिला अधिकारी मनोज कुमार के बारे में जांच टीम गठित कर डीएम ने स्पष्ट किया है कि पूरे प्रकरण की जांच 15 दिन के भीतर करके रिपोर्ट दें जिससे आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

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