रजाई के ढेर में दबकर मासूम बच्ची की मौत

पश्चिमशरीरा के पूरब शरीरा गांव में शादी समारोह के दौरान चारपाई पर सो रही तीन वर्षीय बच्ची पर रजाई का ढेर रख दिया। दम घुटने से मासूम की मौत हो गई। मामले की सूचना पुलिस को दिए बिना परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 09:59 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 09:59 PM (IST)
रजाई के ढेर में दबकर मासूम बच्ची की मौत
रजाई के ढेर में दबकर मासूम बच्ची की मौत

पश्चिमशरीरा : पश्चिमशरीरा के पूरब शरीरा गांव में शादी समारोह के दौरान चारपाई पर सो रही तीन वर्षीय बच्ची पर रजाई का ढेर रख दिया। दम घुटने से मासूम की मौत हो गई। मामले की सूचना पुलिस को दिए बिना परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया।

करारी के नसरुल्लापुर निवासी राममिलन की तीन वर्षीय बेटी मानसी कुछ दिनों पहले अपनी नानी आशा देवी पत्नी अर्जुन निवासी ओसा मंझनपुर के घर गई थी। रविवार को आशा देवी के भाई रामदेव के घर पर शादी थी। उसमें शामिल होने के लिए आशा अपनी नातिन को भी लेकर गई थी। दोपहर करीब दो बजे मानसी को नींद लगी तो आशा ने उसे घर के बरामदे में चारपाई पर सुला दिया। इस बीच टेंट के सामान के साथ रजाई व गद्दा भी आया तो गांव के बच्चों ने रजाई-गद्दा को उसी चारपाई पर रखना शुरू कर दिया। रामदेव ने बताया कि बरामदे में अंधेरा होने के कारण मानसी को चारपाई पर कोई देख नहीं पाया। दर्जनों रजाई-गद्दा के नीचे मानसी दब गई। दम घुटने के चलते उसकी मौत हो गई। चार घंटे बाद जब आशा ने मानसी की खोजबीन की और रजाई हटाया तो उसकी लाश मिली। शादी के माहौल में मातम छा गया। आशा ने अपनी बेटी गुल्ली देवी को इसकी जानकारी दी। रोते-बिलखते स्वजन पूरब शरीरा पहुंचे। शव को लेकर नसरुल्लापुर गांव आ गए। बिना पोस्मार्टम के उसका अंतिम संस्कार कर दिया। ससुरालियों पर बेटी की हत्या का आरोप

बारा : कौशांबी थाना क्षेत्र के बड़ा गढ़वा कोसम इनाम गांव के एक व्यक्ति ने ससुराल में बेटी की हत्या किए जाने का आरोप ससुरालीजनों पर लगाया है। साथ ही मामले की शिकायत सरायअकिल थाने में की है। इंस्पेक्टर विजय विक्रम सिंह ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

बड़ा गढ़वा कोसम इनाम गांव निवासी नागेंद्र कुमार ने बताया कि उसने अपनी बेटी कोमल की शादी वर्ष 2014 में सरायअकिल थाना क्षेत्र के हर्रायपुर निवासी राजन पुत्र धनुषधारी के साथ की थी। शादी के कुछ ही दिनों के बाद से कोमल को ससुराल वालों ने कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। दहेज में एक बाइक और एक भैंस की मांग करने लगे।मायके आने पर बेटी कोमल ने अपने स्वजनों से यह बात बताई थी। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और कोमल को दो पुत्रियां भी हुईं। बेटी होने के बाद पति व ससुराली जनों का जुल्म और बढ़ता गया। नागेंद्र ने कई बार बेटी के ससुराली जनों से इस संबंध में बात भी की थी, लेकिन वह मानने को राजी नहीं हुए। उत्पीड़न का सिलसिला खत्म नहीं हुआ और 27 नवंबर की रात दामाद, सास, जेठ ने मिलकर बेटी कोमल की हत्या कर दी। रात में ही नागेंद्र के भाई को फोन कर बताया कि उसकी भतीजी की मौत हो गई है। जब तक मायके वाले ससुराल पहुंचते तब तक कोमल का आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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